एस एंड सी कर्मचारी यूनियन के श्रमिक नेताओं ने रबड़ फैक्ट्री के विस्थापित श्रमिकों को तत्काल अंतरिम राहत देने के लिए हाईवे के लिए अधिग्रहीत की गई रबड़ फैक्ट्री की भूमि की राजकीय कोषागार में जमा राशि से बकाया देयों का भुगतान कराने का आग्रह किया है।
श्री दीक्षित ने कहा-"आज के छात्र-छात्राएं भी निरंतर कठोर अभ्यास, अध्ययन-मनन, अनुशीलन को अपने स्वभाव में ढाल लें तो विद्यार्थी और मानव जीवन की कठिन से कठिन चुनौतियों पर भी आसानी से विजय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने चेताया कि लॉर्ड मैकाले द्वारा पुष्पित-पल्लवित आज की शिक्षा भारत की आजादी के 78 वर्ष बाद भी अपने धर्म-संस्कृति, भाषा और सद्संस्कारों की मूल जड़ों से लगभग कट चुके बेजान ब्यूरोक्रेटेस की अंधी फौज ही तैयार कर रही है। अगर हमें नई पीढ़ी को अपने राष्ट्र-समाज, भाषा और संस्कृति का सच्चा संरक्षक बनाना है तो अपनी शिक्षा प्रणाली को कौशल-रोजगारपरक और प्रासंगिक बनाने के साथ ही उसे धर्म, संस्कृति, राष्ट्र प्रेम, परोपकार, सेवाभाव, सर्वकल्याण और सद्संस्कारों जैसे सद्गुणों के अमृत जल से पोषित-पल्लवित करना ही पड़ेगा।"
वरिष्ठ उर्दू-हिंदी साहित्यकार-लेखक साहूकारा निवासी रणधीर प्रसाद गौड़ 'धीर' बताते हैं कि उनके पिता देवीप्रसाद गौड़ 'मस्त' भी प्रसिद्ध ख्यालगो थे। प्राचीन काल में सूफी-संतों ने ख़यालगोई की विधा को प्रारंभ किया था। बाद में यह विधा बरेली में भी खूब पनपी। दरअसल, खयालगोई विद्या में दो दल कलगी और तुर्रा होते हैं। कलगी दल वाले शक्ति और तुर्रा दल वाले ब्रह्म के उपासक माने जाते हैं। वाद्य यंत्रों में चंग और चमेली का प्रयोग आम है।
यूएई, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, मिस्र और वियतनाम भी ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए भारत से वार्ता कर रहे हैं। मिडल ईस्ट के कई देश इस मिसाइल के लैंड वर्जन की खरीद में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। इंडोनेशिया के साथ मिसाइल डील वार्ता एकदम शुरुआती चरण में है। इस गणतंत्र दिवस पर जब इंडोनेशियाई राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आए थे तब माना जा रहा था कि ब्रह्मोस मिसाइल डील को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत रफ्तार पकड़ेगी।
पूर्व राजनयिक फैबियन ने सवाल उठाया है कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने जांच पूरी करने में इतना लंबा वक्त क्यों लिया? उन्होंने पूछा कि क्या आरोपियों को जमानत दे दी गई है। अगर वाकई ऐसा है तो क्या इससे कनाडाई सरकार की स्थिति कमजोर नहीं हुई है?
वर्ष 2022 में उन्होंने कनाडा की संसद में कन्नड़ भाषा में दिए अपने भाषण से भी खूब सुर्खियां बटोरी थीं। चंद्र आर्य़ कनाडा में सिर उठा रहे भारत विरोधी खालिस्तानी तत्वों की अक्सर खुलकर आलोचना करते रहे हैं।
बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय के वकील रविंद्र घोष ने बताया, मुझे पता है कि मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा सकते हैं, लेकिन इससे मैं नहीं रुकूंगा। मैंने जीवन भर अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मैंने मुसलमानों के लिए भी मुकदमे लड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाने में मदद की है। एक दिन मौत आएगी, लेकिन मैं लड़ाई जारी रखूंगा।