एफएनएन,नई दिल्ली: देश के 50 करोड़ संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और कामकाजी लोगों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने 44 श्रम कानूनों में बड़ा बदलाव करते हुए सिर्फ 4 श्रम कोड बनाए हैं। इसके साथ ही सरकार ने 12 कानूनों को रद्द करते हुए पुराने 44 में से 3 कानूनों को नए श्रम कोड में शामिल किया है। यानी 29 की बजाय अब सिर्फ 4 श्रम कानून लागू होंगे।
- वेतन सुरक्षा
- व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य कोड
- औद्योगिक संबंध कोड
- सामाजिक सुरक्षा पर कोड
1. राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम वेतन तय किया जाएगा।
2. राष्ट्रीय फ्लोर लेवल वेतन मिलेगा।
3. भारत सरकार एक परिषद का गठन करेगी जो प्रतिवर्ष न्यूनतम सैलरी का आकलन करेगी।
4. वेतन का निर्धारण भौगोलिक स्थिति और स्किल के आधार पर होगा।
5. 15 हजार रुपये न्यूनतम वेतन फिक्स करने की संभावना, इस पर अंतिम फैसला कमेटी करेगी-सूत्र।
6. कंपनियों को वेतन समय पर देना होगा, महीने की 7-10 तारीख तक कर्मचारी को वेतन हर हाल में देना होगा।
7. पुरुष और महिला को समान वेतन मिलेगा।
8. काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण।
9. कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर ध्यान रखना होगा।
10 कंपनियों को कैंटीन और क्रेच सुविधा मुहैया कराना अनिवार्य होगा।
4. पांच या उससे ज्यादा संस्थाएं मिलकर Group Pooling Canteen चला सकती हैं।
5. हर मजदूर, कर्मचारी को नियुक्त पत्र (Appointment Letter) देना अनिवार्य होगा।
6. अगर किसी मजदूर या कर्मचारी की हादसे में मौत हो जाती है तो मुआवजे के अतिरिक्त जुर्माने की 50% तक की राशि कंपनी कर्मचारी को भी देगी।
7. प्रवासी मजदूर को हर साल एक बार घर जाने के लिए प्रवासी भत्ता कंपनी देगी।.
8. प्रवासी मजदूर जहां काम करेगा वहीं राशन मिलेगा।
9. प्रवासी श्रमिकों का एक नेशनल डाटा बेस बनाया जाएगा।
10. 240 दिनों की बजाय अब 180 दिन काम करने पर कर्मचारी Earn Leave का हकदार होगा।
11. महिलाओं को सभी क्षेत्रों में काम करने की इजाजत होगी।
12. OSH कोड की परिभाषा को व्यापक बनाया गया है, अब मीडिया, इलैक्ट्रॉनिक मीडिया, डिजिटल मीडिया में काम करने वाले पत्रकारों को वर्किंग जर्नलिस्ट की श्रेणी में रखा गया है।
13. लगभग 45 वर्ष के ऊपर के कर्मचारी को एक बार Free Health Check Up कंपनी की तरफ से मुहैया कराना अनिवार्य होगा।