एफएनएन, बरेली : कोरोना संक्रमण के चलते कई लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग बेरोजागर हो चुके है। अभिभावकों के पास स्कूल फीस भरने के लिए पैसे नहीं हैं। स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर स्कूल फीस भरने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। स्कूलों और अभिभावक संघ की जद्दोजहद के बीच एक अभिभावक ने अपने दो बच्चों की फीस भरने के लिए डीएम से किडनी बेचने की इजाजत मांगी है। डीएम को लिखा यह पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
परिवार का पालन-पोषण करना हो रहा भारी
जावेद अंसारी पेशे से चित्रकार हैं और प्रेमनगर के शाहबाद इलाके में रहते हैं। डीएम को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि लाॅकडाउन लागू होने के बाद से ही उनका व्यवसाय चौपट पड़ा है। अब अनलाॅक हो रहा है लेकिन उन्हें फिर भी काम नहीं मिल पा रहा है। परिवार का पालन-पोषण करना तक भारी पड़ रहा है। अब दो बच्चों की फीस भरने के संकट ने उन्हें और ज्यादा तनावग्रस्त कर दिया है। उनका एक बच्चा कक्षा नौ और एक 12वीं में है। संपत्ति के नाम पर उनके पास कुछ भी नहीं है। अगर फीस न भरी तो दोनों बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा। वह चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर देश के जिम्मेदार नागरिक बनें। लिहाजा अपनी किडनी बेचने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा है। डीएम को लिखा जावेद अंसारी का यह पत्र रविवार को पूरे दिन सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा। उधर, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल फतेहगंज पश्चिमी के नेता आशीष अग्रवाल ने भी फीस माफी के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कोरोना काल में व्यापार चैपट होने की वजह से आर्थिक संकट का जिक्र किया है।