
सेना और अग्निशमन विभाग की दमकलों की मदद से बाहर निकाले गए 45 बच्चे, पीएम ने जताया शोक, सीएम ने 12 घंटे में तलब की जांच रिपोर्ट
मृत शिशुओं के परिजनों को पांच-पांच लाख और झुलसे नवजातों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की मदद का ऐलान
एफएनएन ब्यूरो, झांसी। झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज की विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में शुक्रवार देर रात आग लग गई। इस भीषण अग्निकांड में इस वार्ड में भर्ती 55 नवजात शिशुओं में से 10 की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। 45 अन्य शिशुओं को आग की लपटों के बीच से सुरक्षित बाहर निकाल तो लिया गया मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया लेकिन उनमें से 16 की हालत नाजुक बताई जा रही है।
हादसे पर पीएम-सीएम ने जताया शोक, मुआवजे का भी ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा शोक जताया है। राज्य सरकार ने मृत शिशुओं के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।

मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने बताया कि जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। इनमें से 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया है। हादसे की खबर पर अग्निशमन विभाग की करीब 15 दमकलों ने मौके पर पहुंचकर सेना की फायर ब्रिगेड यूनिट की मदद से बमुश्किल आग बुझा ली है। बच्चों को सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है, वे जल्द ठीक हो जाएंगे। शनिवार सुबह डिप्टी सीएम/स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर हादसे में मरे शिशुओं के शोक संतृप्त परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों के परिजनों को पचास-पचास हजार रुपये की अहेतुक सहायता की घोषणा की है।
भीषण अग्निकांड में दस नवजात शिशुओं की मौत से पूरे अस्पताल में कोहराम मच गया। परिजन अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगाते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शुक्रवार रात करीब पौने ग्यारह बजे विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) वार्ड से धुआं निकलता दिखा। जब तक लोग कुछ समझ पाते, आग की लपटें उठने लगीं। कुछ ही देर में आग ने पूरे वार्ड को अपनी जद में ले लिया, जिससे भगदड़ मच गई। सूचना मिलते ही मंडलायुक्त, जिलाधिकारी समेत सभी वरिष्ठ पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी रात में ही मौके पर पहुंचकर बचाव और राहत अभियान की देखरेख में जुट गए। शिशुओं को वार्ड से बाहर निकालने की कोशिश हुई, पर धुआं एवं दरवाजे पर आग की लपटें होने से समय पर बाहर नहीं निकाले जा सके।
मेडिकल कालेज की बिजली काटकर आग को बढ़ने से रोका
बाद में मेडिकल कॉलेज की बिजली काटकर आग को आगे बढ़ने से रोका गया और दमकलों की मदद से 45 शिशुओं को बाहर निकाला गया। इनमें से 16 शिशु बुरी तरह झुलस चुके हैं और मेडिकल टीम इन सबकी जान बचाने की जद्देजहद में जुटी है।
बताया जा रहा है कि पहले ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर में आग लगी और देखते ही देखते पूरा वार्ड आग की चपेट में आ गया। आज शनिवार को भी मेडिकल कॉलेज परिसर में रोते-बिलखते परिजनों का जमावड़ा हुआ है।
कमिश्नर और डीआईजी करेंगे हादसे की जांच
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री ब्रजेश पाठक और प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर मृतक और झुलसे शिशुओं के परिजनों से बात कर उन्हें ढाढस बंधाया। झांसी के मंडलायुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक को हादसे की जांच के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने हादसे पर दुख जताते हुए जांच कर 12 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है।
हालात का जायजा लेने के बाद उप मुख्यमंत्री पाठक ने कहा कि नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम परिजनों के साथ मिलकर नवजातों के शव की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी जो स्वास्थ्य विभाग करेगा और दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा। अग्निशमन विभाग टीम भी इसका हिस्सा होगी। तीसरी मजिस्ट्रियल जांच के भी निर्देश दिये गये हैं। आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी। अगर कोई खामी पाई गई तो जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार बच्चों के परिजनों के साथ है। फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था। जून में एक मॉक ड्रिल भी किया गया था। यह घटना कैसे हुई और क्यों हुई, इस बारे में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा?
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से पूरे वार्ड में फैली आग
“एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे। अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई। आग बुझाने के प्रयास किए गए लेकिन चूंकि कमरा अत्यधिक ऑक्सीजनयुक्त था, इसलिए आग तेजी से फैल गई। कई बच्चों को बचा लिया गया। 10 बच्चों की मौत हो गई। आग में झुलसे बच्चों का इलाज चल रहा है।”-सचिन माहौर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक