Sunday, December 15, 2024
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प्रतिभा: उम्र की कच्ची, संगीत की पक्की साधिका हैं बरेली की छोटी-प्यारी ‘सुर कोकिला’ श्रेया प्रभजोत

म्युजिकल मंच पर आते ही अपनी अनन्य कलासाधना से सैकड़ों सुधी संगीत प्रेमियों के मन में बस जाती हैं

19 दिसंबर 2024 को भी भव्य संगीत समारोह में फिर दिखाएंगी अपनी अद्भुत प्रतिभा

जादुई प्रस्तुतियों से एक बार फिर सैकड़ों कला प्रेमियों के दिल जीतने की तैयारी

बरेली से गणेश ‘पथिक’ की रिपोर्ट

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। गुड़ियों से खेलने की उम्र में जब नन्हीं श्रेया मंच पर आकर पूरी तल्लीनता से संगीत साथना करती हैं तो ऐसा लगता है कि ललित कलाओं की अधिष्ठात्री देवी मांस् वीणावादिनी स्वयं मंच पर उनके रूप में विराजमान हो गई हों। श्रेया गाती हैं तो सैकड़ों-हजारों संगीत प्रेमियों का समूह उन्हें मंत्रमुग्ध होकर सुनने को विवश हो जाता है।

छरहरी-शर्मीली और अपनी क्लास में टॉपर श्रेया प्रभजोत फतेहगंज पश्चिमी विकास क्षेत्र के औंध पूर्व माध्यमिक विद्यालय के इंचार्ज हेडमास्टर और राष्ट्रीय स्तर की सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था ‘भारत विकास परिषद’ रोहिलखंड पूर्वी प्रांत के प्रांतीय महासचिव राहुल यदुवंशी और पड़ोस के गांव खिरका प्राथमिक विद्यालय में परिषदीय शिक्षिका प्रीति चौधरी की गुणी पुत्री और शहर के प्रतिष्ठित अल्मा मातेर डे बोर्डिंग स्कूल में कक्षा 9 की छात्रा हैं।

संगीत गायन और वादन के क्षेत्र में लगातार तेजी से आगे बढ़ रही बहुआयामी प्रतिभा की धनी श्रेया ने कोविड काल में अपने आप को व्यस्त रखने के लिए शौक़िया तौर पर मोबाइल फोन के एक यूट्यूब सिंगिंग एप के माध्यम से गायन का सिलसिला शुरू किया था। बच्ची की संगीत साधना से प्रभावित माता-पिता के साथ ही बड़े भाई इंजी. केशव भी उनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर उन्हें खूब प्रोत्साहित करते हैं। ग़ज़ल-गीत गायन (सुगम संगीत) से लेकर गिटार वादन और कई अन्य वाद्ययंत्रों पर सधी हुई स्वर लहरियाां निकालने और नृत्य तक की उनकी बेजोड़ प्रतिभा श्रोताओं-दर्शकों को हतप्रभ कर देती है।

शहर के कई संगीत साधना केंद्रों में योग्य गुरुजनों से संगीत शिक्षण की नन्हीं श्रेया की वर्षों की तपस्या अब फलवती होती दिखने लगी है। पैरेंट्स बताते हैं-बचपन से ही श्रेया की संगीत साथना की ललक कुछ ऐसी और इस कदद  बढ़ी कि बगैर देरी किए उसे श्रीराममूर्ति मेडिकल संस्थान (एसआरएमएस) के रिद्धिमा सेंटर में संगीत की विधिवत् शिक्षा दिलवानी शुरू कर दी।

कुछ ही समय में परिणाम बहुत उत्साहवर्धक और चामत्कारिक रहे हैं। आज अपनी अटूट लगन और मेहनत की बदौलत छोटी सी श्रेया एसआरएमएस संस्थान के चेयरमैन देवमूर्ति सहित सभी गुरुजनों की चहेते संगीत साधिकाओं में से एक हैं। कुछ माह पहले की ही तो बात है। छोटी सी श्रेया की बड़ी-असरदार संगीत प्रस्तुति से रिद्धिमा का पूरा हॉल झूम उठा था।

द्रोपदी कन्या इंटर कॉलेज की पूर्व प्रधानाचार्या डॉ.रीता शर्मा और अल्मा मातेर के वैस्टर्न म्यूजिक के शिक्षक अक्षय जे.लाल श्रेया को गायन के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए निरंतर जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं।

वाद्ययंत्रों के अच्छे जानकार संगीत गुरु देबोजीत बनर्जी गायन और हिमांशु चंद्रा गिटार वादन में श्रेया का कुशल मार्गदर्शन करते रहे हैं।
बरेली के संगीतप्रेमी कुछ माह पहले की श्रेया की उस यादगार परफॉर्मेंस को आज भी शायद भूल नहीं पाए होंगे, जब नन्हीं सी श्रेया ने पहली बार सैकड़ों सुधी श्रोताओं के सामने अपनी संगीत प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए एक यूट्यूब चैनल द्वारा प्रायेजित ‘इंडियाज़ विनिंग स्टार’ के भव्य प्लेटफार्म पर फाइनल राउंड या ग्रांड फिनाले की उपविजेता का तमगा और सैकड़ों दिल भी जीत डाले थे। सफलता की इस चाशनी में श्रेया की संगीत साधना के रंग और भी चटख होने लगे।

बहुत से लोग शायद कल्पना भी नहीं कर पाएंगे कि अपने पैरेंट्स और टीचर्स की सोन चिरैया 15 साल की श्रेया बच्ची की छबि से बहुत ऊपर उठकर अब तक कई बड़े म्युजिकल मंचों पर गजल और गीतों की सुरीली-दमदार प्रस्तुतियां देकर बार-बार अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराती रही हैं। सच मानिए, सकुचाती-शर्माती श्रेया जब गुरुजनों-प्रशंसकों, आयोजकों के आग्रह को स्वीकार कर मंच पर पहुंच जाती हैं तो फिर उनकी वर्षों की अनन्य संगीत साधना सैकड़ों सुधी श्रोताओं-दर्शकों के दिलों पर इस सघनता से छाने-महकने लगती है कि लोग लंबे समय तक उनकी भावपूर्ण, प्रभावशाली प्रस्तुतियों को भूल ही नहीं पाते। छोटी बालिका कब एक बड़ी संगीत साधिका में परिवर्तित होकर ऑडियंस के दिलों की गहराइयों में ॉउतर जाती है, अच्छे-अच्छों को भी पता ही नहीं लग पाता है।

अब खुशखबरी यह है कि अपनी श्रेया अब चंद ही रोज बाद 19 दिसंबर 2024 को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के मंच पर बरेली संभाग की तरफ से गजल गायन में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगी। किशोरवय श्रेया प्रभजोत बहुत ही आश्चर्यजनक ढंग से अपने संगीत करियर को लेकर बहुत ही संजीदा हैं। उनकी इस संगीत साधना में उनके भाई इं.केशव यदुवंशी, शिक्षिका मां प्रीति चौधरी और पिता राहुल यदुवंशी भरपूर सहयोग भी देते हैं।

उत्तर प्रदेश शासन में विशेष सचिव सिंचाई विभाग डॉ.हीरा लाल, साहित्यकार डॉ.अवनीश यादव, आकाशवाणी केंद्र के पूर्व अधिशासी अधिकारी एम.आर. यदुवंशी, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक लाल बहादुर गंगवार, सेवानिवृत्त कैप्टन राजीव ढींगरा, कर्नल पुरुषोत्तम सिंह(सेवानिवृत्त), पत्रकार-कवि गणेश ‘पथिक’ सहित सभी संगीत प्रेमी शुभचिंतकों ने मां सरस्वती की छोटी सी लेकिन अनन्य साधिका ‘सुर कोकिला’ श्रेया को ढेर सारी बधाइयां और उज्ज्वल-यशस्वी भविष्य की शुभकामनाएं भी दी हैं।

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