Sunday, December 22, 2024
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तर प्रदेशराम मंदिर निर्माण के लिए जर्जर भवन व मंदिर गिराए जाने फैसला

राम मंदिर निर्माण के लिए जर्जर भवन व मंदिर गिराए जाने फैसला

एफएनएन, अयोध्या: राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि के विस्तारीकरण का काम शुरू हो गया है। मंदिर निर्माण स्थल से सटे जर्जर मंदिरों के भवनों को हटाए जाने का कार्य के लिए भी एलएंडटी को ही जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें सबसे पहले राम जन्म स्थान व सीता रसोई के जर्जर हो चुके भवन को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है।

madal

राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए अधिग्रहित परिसर में 67 एकड़ भूमि के साथ 13 अन्य मंदिरों को भी अधिकृत किया गया था। लंबे अरसे से अधिग्रहित होने के कारण सभी भवन जर्जर हालात में हैं। वहीं, मंदिर निर्माण के लिए आसपास की भूमि को खाली कराए जाने की आवश्यकता थी, जिसके कारण अब जर्जर हालात के इन सभी मंदिरों को गिराए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए एलएंडटी को जिम्मेदारी दी गई है।

परिसर का होगा विस्तार

राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्रदास के मुताबिक मंदिर निर्माण के लिए अधिग्रहित परिसर में स्थित कई मंदिरों को गिराया जाएगा, जिसके लिए पहले चरण में राम जन्म स्थान, सीता रसोई, साक्षी गोपाल व मानस भवन का भाग गिराया जाएगा। इसके बाद अन्य मंदिरों के जर्जर भवनों को भी गिराए जाने के साथ परिसर का विस्तार होगा।

जर्जर मंदिरों का होगा जीर्णोद्धार

1992 में हुए राम जन्मभूमि परिसर के अधिग्रहण के दरम्यान 13 मंदिर ऐसे थे, जो अधिग्रहण में चले गए थे जो 28 वर्षों में जीर्ण हो गए हैं। प्रमुख रूप से अधिग्रहण में गए मंदिरों में राम खजाना, सीता रसोई, सुमित्रा भवन, मानस भवन, लक्ष्मण मंदिर, आनंद भवन शामिल है इनमें जीर्ण शीर्ण हुए मंदिरों को दोबारा से जीर्णोद्धार कराया जाएगा।

ताजा खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments