एफएनएन, लखनऊ : अयोध्या में श्री राम लला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर लगभग 13 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों का अभेद सुरक्षा घेरा होगा। एटीएस कमांडो व जवानों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) व एंटी ड्रोन सिस्टम के जरिए उसे और पुख्ता बनाया गया है।
चप्पे-चप्पे पर नजर रखने का निर्देश
जमीन से लेकर आसमान और सरयू नदी के तटों पर कड़ी नजर होगी। सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी संदिग्धों की निरंतर निगरानी होगी। आईबी व रॉ के अधिकारियों ने भी अयोध्या में डेरा डाल रखा है और कई स्तर पर सुरक्षा प्रबंधों की निरंतर समीक्षा की जा ही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अत्याधुनिक तकनीक के सहयोग से चप्पे-चप्पे पर नजर रखे जाने का कड़ा निर्देश दिया है। सरयू नदी व उसके घाटों पर एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवान मुस्तैद कर दिए गए हैं। अयोध्या में मेहमानों की सुरक्षा के लिए बार कोडिंग का प्रयोग भी किया जा रहा है।
दूसरे जिलों से बुलाई गई पुलिस फोर्स
आईजी अयोध्या रेंज प्रवीण कुमार के अनुसार, अयोध्या को रेड व येलो जोन में बांटकर सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराए गए हैं। अन्य जिलों के 100 से अधिक पुलिस उपाधीक्षक, लगभग 325 निरीक्षकों व 800 उपनिरीक्षकों को अयोध्या में तैनात किया गया है।
मुख्य समारोह से पहले पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 11,000 जवान तैनात होंगे। वीआईपी सुरक्षा के लिए तीन डीआईजी, 17 एसपी, 40 अपर पुलिस अधीक्षक, 82 पुलिस उपाधीक्षक, 90 निरीक्षक, एक हजार से अधिक आरक्षी व चार कंपनी पीएसी तैनात की गई है। और पुलिस बल भी बढ़ाया जा रहा है।
रेल सुरक्षा के लिए 250 पुलिस गाइड
रेल सुरक्षा के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं। जीआरपी में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है। अतिथियों के साथ व्यवहार को लेकर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। 250 पुलिस गाइड भी तैनात किए गए हैं।
आईटीएमएस जोड़े गए घरों के कैमरे
सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पूरे शहर की निगरानी की जा रही है। निजी प्रतिष्ठानों व मकानों में लगे 1500 सीसीटीवी कैमरे आइटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंंट सिस्टम) से जोड़े गए हैं। यलो जोन में 10,715 स्थानों पर संदिग्धों की पहचान के लिए एआई आधारित बड़ी स्क्रीन लगाई गई हैं, जो आईटीएमएस से जुड़ी हैं।
नहीं उड़ सकेंगे ड्रोन
ओएफसी लिंक कैमरे भी लगाए गए हैं। 12 एंटी ड्रोन सिस्टम के माध्यम से रेड और येलो जोन को सुरक्षित किया गया है। पांच किलोमीटर की परिधि में उड़ने वाले किसी भी ड्रोन को लोकेट कर निष्क्रिय किया जा सकता है।
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