एफएनएन, बरेली : इज्जतनगर थाना क्षेत्र स्थित आईवीआरआई कैंपस में रहने वाले सेवानिवृत्त वैज्ञानिक को फोन पर खुद को सीबीआई अधिकारी बता कर ठगों ने पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। ठगों ने कई बार में 1.29 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। इस बीच वह 5 दिन तक ठगों के इशारे पर नाचते रहे। पीड़ित की तहरीर पर साइबर क्राइम पुलिस ने आरोपी ठग के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
पश्चिमी बंगाल के मूल निवासी सेवानिवृत्त वैज्ञानिक शुकदेव नंदी कई साल से भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) में तैनात थे। वह 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद भी आईवीआरआई कैंपस में ही आवंटित मकान में अपने परिवार के साथ रहते थे। आरोप है कि शुकदेव नंदी को 17 जून को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आया। ठग ने स्क्रीन पर पुलिस का लोगो भी लगा रखा था। फोन करने वाले ने खुद को बेंगलुरु सिटी में तैनात सीबीआई अफसर बताया।
आरोप है कि ठग ने सेवानिवृत्त वैज्ञानिक से कहा कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके फर्जी सिम कार्ड लिए गए हैं। जिनका इस्तेमाल ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जॉब फ्रॉड में किया गया है। इसी क्रम में ठग ने उन्हें 16 से 20 जून तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 1.29 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इंस्पेक्टर साइबर क्राइम दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि सेवानिवृत्त वैज्ञानिक से ठग ने खुद को सीबीआई अफसर बताकर 1.29 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ठगी की रकम वापस कराने के लिए टीम जुटी हुई है।