Thursday, December 26, 2024
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Homeराज्यउत्तर प्रदेशअखिलेश यादव (सपा) का करीबी रहा चुका है हत्यारा विकास दुबे

अखिलेश यादव (सपा) का करीबी रहा चुका है हत्यारा विकास दुबे

एफएनएन, कानपुर। हमेशा देखा गया है कि अपराधी और नेता का चोली-दामन का साथ हमेशा से ही रहा है। पुलिस टीम पर हुए हमले के बाद उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे है, कि योगी राज में भी अपराधियों का कितना बोलबाला है उसका जीता-जागता सबूत है कि विकास दुबे ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। लेकिन इस बात पर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं कि किसके संरक्षण में विकास दुबे यहां तक पहुंचा। राजनीति का आलम यह है कि इतनी बड़ी घटना की समीक्षा करने की जगह राजनीतिक दल एक-दूसरे पर दोषारोपण करने में लग गए। समाजवादी पार्टी की तरफ से जहां गलत फोटो शेयर करके यह बताने की कोशिश की गई कि अपराधी की भाजपा में पैठ थी तो वहीं भाजपा ने पलटवार करते विकास दुबे व सपा के रिश्तों का तथ्यों के साथ खुलासा किया है।

सपा के टिकट पर पत्नी लड़ चुकी है चुनाव

बता दें कि कई अपराध में शामिल विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस की टीम पर हमला हुआ। जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। लेकिन एक खुलासा हुआ है जिससे विकास दुबे का तार समाजवादी पार्टी से जुड़ता दिख रहा है। दरअसल विकास दुबे की पत्नी समाजवादी पार्टी के टिकट पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुकी है। वे कानपुर नगर घिमऊ से उम्मीदवार थी। बेहद अहम है कि इस पोस्टर में मुलायम सिंह और अखिलेश यादव दोनों का फोटो भी है। जिससे सपा पर बीजेपी ने अपराधियों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है।

साल 2000 के बाद का रक्तरंजित काल

साल 1990 का दशक था। विकास यादव छोटी-मोटी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर कानपुर के लोगों की नजर में आ रहा था। प्रदेश में मायावती की बसपा सरकार सत्तासीन थी। विकास दुबे कानपुर के कुछ विधायकों के संपर्क में आया और उनके लिए छिनैती, लूटपाट, अवैध कब्जा जैसे छोटे-मोटे आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर खास बनता गया। प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार बनी तो बीजेपी विधायकों के संपर्क में भी आया और अपने डर का कारोबार करता रहा। दरअसल, विकास कुछ काम नेताओं के कर देता था और उनके करीब चला जाता था। फिर क्या, लखनऊ तक पहुंच बन जाती थी और कोई उसका बाल बांका नहीं कर पाता था। साल 2012 में विकास दुबे ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया। विकास दुबे ने कानपुर से शिवली पुलिस थाना इलाके स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज में असिस्टेंट मैनेजर पद पर तैनात सिद्धेश्वर पांडे की हत्या कर दी। इस घटना ने विकास दुबे को रातों-रात सबकी नजर में ला दिया। विकास ने उसी साल जेल में रहते हुए ही रामबाबू यादव नामक शख्स की हत्या करवा दी।

थाने में घुसकर बीजेपी मंत्री की हत्या

साल 2001 में जब प्रदेश में राजनाथ सिंह के नेतृत्व में बीजेपी सत्ता में थी तो विकास दुबे ने संतोष शुक्ला नामक मंत्री स्तर के एक बीजेपी नेता की थाने में घुसकर दिनदहाड़े हत्या कर दी। इस घटना में 2 पुलिसकर्मी भी शहीद हो गए थे। इस हत्याकांड के बाद विकास दुबे पूरे प्रदेश में छा गया और उसका खौफ इतना बढ़ा कि उसकी तूती बोलने लगी। इस हत्याकांड में विकास को गिरफ्तार तो किया गया, लेकिन किसी भी पुलिसकर्मी या अन्य लोगों ने उसके खिलाफ बयान नहीं दिया, जिसकी वजह से उसे रिहा कर दिया गया। मंत्री स्तर के बीजेपी नेता की हत्या के बाद भी जब किसी का कुछ न हो तो मनोबल बढ़ता ही है। इसके बाद विकास दुबे ने साल 2004 में कानपुर के केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या करवा दी। प्रदेश में जिस भी पार्टी की सरकार हो, विकास दुबे के किसी न किसी बड़े नेता से संबंध रहे और इसकी वजह से वह हर कांड के बाद बचता गया। विकास दुबे ने बाद में बीएसपी से जुड़ पंचायत स्तरीय चुनाव लड़ा और लंबे समय से वह या उसकी फैमिली में से कोई पंचायत चुनाव जीतता आ रहा है।

पुलिस पर फायरिंग, डीएसपी समेत 8 शहीद

हालांकि पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में विकास दुबे के 2 गुर्गें भी मारे गए है। राज्य के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने इस घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि अपराधी छिप कर नहीं रह सकतें। हालांकि उन्होंने सपा पर अपराधियों के साथ गठजोड़ करके राजनीति चलाने का भी आरोप लगाया है। दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई टीम में कम ही पुलिस थे। अपराध का पर्याय बने विकास दुबे को इस बार पुलिस से दुश्मनी भारी पड़ गई है। जिस पुलिस की संरक्षण में उसने आतंक का साम्राज्य स्थापित किया था। वहीं पुलिसवालों ने उसके साम्राज्य को उसी के जेसीबी से तहस-नहस कर दिया।

अब विकास दुबे का होगा एनकाउंटर

विकास दुबे ने 2 साल पहले जेल में रहते हुए अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला करवाया, जिसके बाद अनुराग ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी। विकास चाहे बाहर रहे या जेल में, हर तरह से वह आपराधिक वारदातों को अंजाम देता आ रहा है और उसे राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है। हर पार्टी ने उसे राजनीतिक संरक्षण दिया और इससे विकास का इतना मन बढ़ गया कि उसने आज 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। इधर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने एनकाउंटर स्पेशलिस्टों को विकास के पीछे लगा दिया है। उम्मीद है कि विकास जैसे अपराधियों को उसके कृत्यों की सजा मिले और 8 पुलिसकर्मियों की शहादत व्यर्थ न जाए। बता दें कि विकास दुबे ने पीपीएन कॉलेज में पढ़ाई की, इस बात की जानकारी मां सरला ने दी। मां ने कहा कि- वह एयरफोर्स में जाने वाला था । विकास पहले ऐसा नहीं था, इसकी नौकरी एयरफोर्स में लग रही थी।

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