- लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी ने कंबाइन मशीन से धान कटाई किए जाने पर काफी सख्त लहजा अख्तियार किया था। डीएम ने कहा था कि कंबाइन मशीनों में सुपर स्ट्रा मैनेंजमेंट तकनीक से धान कटाई करने और पराली जलाने पर सरकारी योजनाओं से वंचित करने को कहा था।
अब्दुल सलीम खान, लखीमपुर खीरी : यूपी के लखीमपुर खीरी में जिलाधिकारी डा. अरविंद चौरसिया ने कंबाइन मशीनों में सुपर स्ट्रा मैनेंजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य किए जाने का आदेश जारी कर दिया है। इस तकनीक के लगने से खेत में पराली नही बचती है जिससे किसान उसे जला न सके। लेकिन इस आदेश के जारी होते ही उसका असर किसानों पर पड़ने लगा, इसी असर को समझाने के लिए मंगलवार का भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने जिला अधिकारी डा. अरविंद चौरसिया से मुलाकात की।
- क्या है किसानों की माांग, किस बात से नाराज हैं किसान ?
लखीमपुर : भाकियू के मंडल अध्यक्ष दिलबाग सिंह ने जिलाधिकारी को बताया कि प्रशासन के आदेश के बाद अगर कंबाइन मशीनों ने एसएसएम तकनीक को अपनाया गया, तो कंबाइन में डीजल की खपत बढ़ेगी, वहीं खेतों से पुआल भी नही बचेगा, जिससे चारे की बड़़ी समस्या उत्पन्न होगी। छोटे किसान साल भर पशुओं के चारे के लिए इसी पराली को बचाकर रखते हैँ। ये बड़ी समस्या है। वहीं दूसरा इसका असर ये है कि अभी धान की कटाई 16 सौ से 18 सौ रूपए एकड़ है, लेकिन तकनीक के बाद कंबाइन मशीन 28 सौ से तीन हजार रूपए एकड़ धान की कटाई मांग रही हैँ।
- डीएम ने दिया आश्वासन, संबंधित विभाग से चर्चा कर निकालेंगे समाधान
जिलाधिकारी डा. अरविंद चौरसिया ने किसानों की बात सुनकर उन्हें आश्वान दिया कि मामले में वह गंभीरता से अधिकारियों से वार्ता कर उन्हें कोई रास्ता निकालने को कहेंगे। वहीं किसानों ने भी कहा कि अभी तक जितने मुकदमें दर्ज हुए हैँ उनका अवलोकन कर लिया जाए उनमें पराली जलाने के लिए गन्ने की पत्ती जलाने या कूड़ा करकट जलाने को लेकर कारवाई हुई थी।
- डीएम ने क्या दिया था आदेश, क्यों किसान पहुंचे थे उन्हीं से फरियाद करने ?
लखीमपुर : जिलाधिकारी खीरी डॉ अरविंद कुमार चौरसिया ने कहा था कि यदि कोई व्यक्ति पराली जलाने का दोषी पाया जाता है तो उसे किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। वही उसकी खतौनी में शिकायत दर्ज कर दी जाएगी। वहीं जिले के सभी कंबाइन हार्वेस्टर में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाना अनिवार्य कर दिया था, एसएमएस के बिना जो कंबाइन कटाई करते हुए पाई जाएगी तो मालिक के विरुद्ध राष्ट्रीय हरित अभिकरण की गाइडलाइन के अनुसार प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। कंबाइन सीज कर दी जाएगी और अर्थदंड भी लगाया जाएगा। इसकी निगरानी के लिए जिले के सभी कंबाइन पर कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी गई है।