

डीएफओ बोले-45 सीसीटीवी कैमरे, 5 पिंजड़े लगे हैं, अबकी जरूर होगी ट्रेंक्युलाइज
मीरगंज/बरेली। पिछले कई महीनों से फतेहगंज पश्चिमी रबर फैक्ट्री जंगल में चहलक़दमी कर रही बाघिन की फुटेज 21 दिन के बाद फिर कैमरों में कैद हुईं है। सटीक लोकेशन मिलने पर डीएफओ भरतलाल ने बाघिन को पकड़ने के लिए ऐक्सपर्ट्स की टीम बुलवाने की बात कही है।
रबर फैक्ट्री के जंगल मे पिछले आठ महीने से भी अधिक समय से घूम रही बाघिन वन विभाग टीम के साथ लुकाछुपी का खेल खेल रही है। इस अवधि में वह 15 से 20 दिन तक गायब रहने के बाद अचानक दिख जाती रही है। इस बार भी उसकी लोकेशन चार नबम्बर से ट्रेस नहीं हो पा रही थी।जिससे वन विभाग की फील्ड टीम ही नहीं, बल्कि विभागीय आला अफसर भी परेशान थे। टीम से मिली जानकारी के मुताबिक 25 नबम्बर को करीब सुबह छह बजे कोयला प्लांट और मंदिर के बीच में मौजूद चूने वाली कोठी के पास लगे कैमरे में बाघिन की फुटेज कैद हुईं है।21 दिन के बाद बाघिन एक बार फिर दिखने से बन विभाग की टीम में उत्साह है। पिछले कई महीने से वन विभाग की टीम और एक्सपर्ट्स बाघिन को ट्रेंक्युलाइज करने की योजना बना रहे हैं लेकिन चालाक बाघिन के सामने वन विभाग की सभी योजनायें फेल होती नजर आयी हैं। 45 से अधिक कैमरे और करीब पांच पिंजड़े बाघिन को घेरने के लिए लगाए गए हैं।कुछ शिकार बाघिन को फांसने के लिए खुले में भी बांधे गए हैं। डीएफओ भरतलाल के मुताबिक 21 दिन के बाद बाघिन एक बार फिर सामने आई है।लगातार सटीक लोकेशन मिलती रही तो हर हाल में बाघिन को इस बार ट्रेंक्युलाइज कर लिया जायेगा।