


बरेली दौरे पर मुख्यमंत्री से भेंट नहीं हो पाने पर एस एंड सी कर्मचारी यूनियन के शिष्ट मंडल ने वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार को ज्ञापन देकर किया आग्रह
एफएनएन ब्यूरो, बरेली। एस एंड सी कर्मचारी यूनियन के श्रमिक नेताओं ने रबड़ फैक्ट्री के विस्थापित श्रमिकों को तत्काल अंतरिम राहत देने के लिए हाईवे के लिए अधिग्रहीत की गई रबड़ फैक्ट्री की भूमि की राजकीय कोषागार में जमा राशि से बकाया देयों का भुगतान कराने का आग्रह किया है।

सोमवार 31 मार्च को एस एंड सी कर्मचारी यूनियन के महामन्त्री अशोक कुमार मिश्र यूनियन के अन्य सदस्यों अजय भटनागर, प्रमोद कुमार, एस सी निगम, आर सी शर्मा, एस एन चौबे, प्रदीप रस्तोगी के साथ शहर विधायक और वन एवं पर्यावरण मन्त्री डॉ.अरूण कुमार सक्सेना से उनके कार्यालय पर मिले और बरेली आगमन पर मुख्य मन्त्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्हें रबड़ फैक्ट्री मजदूरों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन देने का अनुरोध किया। डॉ. अरुण कुमार ने व्यस्त कार्यक्रम के चलते मुख्य मन्त्री से मिलवाने में तो असमर्थता बताई लेकिन स्वयं ज्ञापन लेकर उसे मुख्य मन्त्री तक पहुंचाने और विस्थापित मजदूरों के अंतरिम भुगतान की मांग शीघ्र पूरी कराने का आश्वासन दिया।
ज्ञापन में महामंत्री अशोक कुमार मिश्र ने बताया है कि रबड़ फैक्ट्री जमीन विवाद पर प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं कर पाने के कारणवश सैकड़ों विस्थापित-त्रस्त मजदूरों का विधिसम्मत भुगतान वर्षों से लम्बित है। भयंकर आर्थिक तंगी और बीमारियों के दुष्चक्र में फंसकर लगातार मजदूर असमय मौत के शिकार हो रहे हैं। ज्ञापन में नेशनल हाईवे में अधिग्रहीत रबड़ फैक्ट्री की 9.3746 ,हेक्टेयर जमीन की राजकीय कोषागार में जमा करोड़ों रुपये की राशि से मजदूरों को अन्तरिम भुगतान राहत शीघ्र दिलवाने की मांग मुख्य मंत्री से की गई है।
ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया है कि जब भी मजदूरों के बैधानिक देयों का पूरा भुगतान हो तो उसमे से इस अन्तरिम भुगतान राशि को काट लिया जाये। ज्ञापन के साथ उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दायर वाद सूट सख्या CMW/ 41427/2002 के मिले आदेशानुसार श्रम विभाग बरली ने लगातार 36 माह की वेतन भुगतान पर जारी आरसी की कापी भी संलग्न की गई है।