एफएनएन ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गंगा प्रदूषण केस में उत्तराखंड सरकार को बड़ी राहत दी है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस राज्य के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। एनजीटी द्वारा गंगा नदी को प्रदूषित होने से रोकने में नाकाम रहने पर उत्तराखंड सरकार के संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने और दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

गंगा में सीवेज बहाव को रोकने में नाकामी पर दिया था आदेश
एनजीटी की जांच में पुष्टि हुई थी कि उत्तराखंड के संबंधित अधिकारी गंगा नदी में अनुपचारित सीवेज के बहाव को रोकने में विफल रहे थे। एनजीटी ने 9 फरवरी को 2024 को केंद्र और उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी कर गंगा में अनुपचारित सीवेज के बहाव को रोकने के लिए उचित कार्रवाई नहीं करने और “मूक दर्शक” बने रहने पर कड़ी फटकार लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट दिसंबर में करेगा इस मामले में अगली सुनवाई
151 पन्नों के आदेश में ट्रिब्यूनल ने उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) के जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों और विभागाध्यक्षों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करके दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई दिसंबर के दूसरे सप्ताह में करना तय किया है।