Sunday, July 13, 2025
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जिंदा हो या मुर्दा: बनभूलपुरा के कब्रिस्तान में दफन की थी गारंटी, पिता-पुत्र बनवा देते थे मृत्यु प्रमाणपत्र

एफएनएन, हल्द्वानीः उत्तराखंड के हल्द्वानी में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां बनभूलपुरा के कब्रिस्तान कमेटी में शामिल पिता-पुत्र जिंदा लोगों के मृत्यु प्रमाणपत्र बनवा रहे थे। सूत्रों की मानें तो दोनों आरोपी जिंदा व्यक्ति को बनभूलपुरा के कब्रिस्तान में दफनाने का गारंटी पत्र जारी करते थे। इसके लिए दोनों 10 से 15 हजार रुपए लेते थे। बता दें कि इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जेल से जमानत पर छूटा अफजाल अली अपना मृत्यु प्रमाणपत्र लेकर पहुंचा और मुकदमा दर्ज कराया।

दरअसल, बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के लाइन नंबर 12 गांधी नगर निवासी अफजाल अली ने पुलिस को तहरीर दी है। जिसमें बताया कि कब्रिस्तान कमेटी में शामिल दो पिता-पुत्र जिंदा लोगों को कब्रिस्तान में दफनाने का कागज जारी कर रहे हैं। बताया गया कि वर्ष 2012 में बनभूलपुरा में हुई एक हत्या के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई। कुछ माह पहले वह जेल से जमानत पर बाहर आया। इसी बीच उसे खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र मिला है। जिसे उसकी अपनी मां ने नगर निगम से बनवाया है। लेकिन इसके मुख्य दोषी कब्रिस्तान कमेटी में शामिल इकबाल अंसारी और उसका पुत्र तनवीर उर्फ सादिक है। क्योंकि उन्होंने पैसे के लालच में जिंदा अफजाल अली को मृत बताया। साथ ही उसे कब्रिस्तान में दफनाने का कागज भी जारी कर दिया। इसी कागज के आधार पर निगम से उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया गया।

वहीं, इस तहरीर के बाद पुलिस जांच में जुट गई। मामले में सभी तथ्य सही पाए गए। पुलिस ने ऐसे तीन लोगों को ढूंढ निकाला जो जिंदा हैं और उनको बनभूलपुरा के कब्रिस्तान में दफनाने का कागज जारी हुआ है। इसी कागज के आधार पर नगर निगम के रजिस्ट्रार, जन्म मृत्यु ने भी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। पुलिस ने कब्रिस्तान कमेटी बनभूलपुरा के तनवीर उर्फ सादिक और उसके पिता इकबाल अंसारी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों आरोपियों की तलाश की जा रही है।

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