एफएनएन, नई दिल्ली : प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर विवाह पंचमी मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में इसी विशेष तिथि पर भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। लेकिन साथ ही यह भी माना जाता है कि इस तिथि पर विवाह करना शुभ नहीं होता। आइए जानते हैं इसका कारण।
विवाह पंचमी शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 16 दिसंबर को रात 08 बजे से शुरू हो रही है। साथ ही पंचमी तिथि का समापन 17 दिसम्बर को शाम 05 बजकर 33 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार विवाह पंचमी 17 दिसंबर, रविवार के दिन मनाई जाएगी।
विवाह पंचमी का महत्व
भगवान राम और सीता की जोड़ी हिंदू धर्म में एक आदर्श वैवाहिक जोड़ी के रूप में देखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर विवाह होने के कारण इस दिन को भगवान राम और देवी सीता के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि जो साधक इस दिन माता सीता और राम जी की विधि-विधान पूर्वक पूजा करते हैं उनका वैवाहिक जीवन सुखमय बनी रहता है।
यह है कारण
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर विवाह करने के बाद प्रभु राम और माता सीता माता के जीवन में कई तरह के कष्ट आए। जिसमें उन्हें 14 वर्ष का वनवास सहना पड़ा। इतना ही नहीं वनवास पूरा होने के बाद भी माता सीता को वन में रहना पड़ा। यही कारण है कि इस तिथि पर विवाह करना शुभ नहीं माना जाता।