एफएनएन, हरिद्वार : बिजली चोरी में गढ़वाल मंडल का हरिद्वार जिला शीर्ष पर है। यूपीसीएल विजिलेंस की ओर से जारी आंकड़ों में ये हकीकत सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि गढ़वाल मंडल के मैदानी जिलों में बिजली चोरी की वजह से की वजह से यूपीसीएल को हर साल करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
यूपीसीएल में आईपीएस अफसर के नेतृत्व में बिजली चोरी रोकने को विजिलेंस का गठन किया गया है। इस टीम में यूपीसीएल के भी अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता व अन्य कर्मचारी तैनात हैं। विभिन्न माध्यमों से सूचना मिलने के आधार पर ये विजिलेंस टीम प्रदेशभर में अलग-अलग जगहों पर बिजली चोरी पकड़कर मुकदमा दर्ज कराती है।
- करीब 85 प्रतिशत मामले हरिद्वार जिले के
अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच के ताजा आंकड़ों पर गौर करें तो विजिलेंस ने प्रदेशभर में कुल 4143 सूचनाओं पर छापे मारे। विजिलेंस ने इनमें से 2972 मामलों में बिजली चोरी पकड़ी। पकड़े गए मामलों में गढ़वाल मंडल के 2169 और कुमाऊं मंडल के 803 मामले शामिल हैं। गढ़वाल मंडल के 2169 मामलों में करीब 85 प्रतिशत मामले हरिद्वार जिले के हैं।
हरिद्वार जिले के कई गांवों में आज भी बड़े पैमाने पर बिजली चोरी चल रही है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि लगातार बिजली चोरी को लेकर विभागीय स्तर से विजिलेंस और खंड व उपखंडों में उनके अधिकारी काम कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि एक साल में विजिलेंस ने करीब तीन हजार मामले पकड़े हैं। उन्होंने बताया कि निश्चित तौर पर बिजली चोरी की वजह से निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इन दिनों भी यूपीसीएल बिजली चोरी पकड़ने को विशेष अभियान चला रहा है।
- प्रदेश में किस माह में कितनी बिजली चोरी के मामले