एफएनएन, नई दिल्ली : पूर्णिमा तिथि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है। कुछ साधक इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की आराधना और व्रत करते हैं। इस साल कार्तिक महीना 29 अक्टूबर से शुरू हुआ था, जो भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कार्तिक मास की पूर्णिमा कब पड़ रही है, और इस दौरान किन बातों की सावधानी रखनी चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 26 नवम्बर, रविवार के दिन दोपहर 03 बजकर 53 मिनट पर आरंभ हो रहा है। वहीं, 27 नवम्बर, सोमवार के दिन दोपहर 02 बजकर 45 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन होगा। ऐसे में कार्तिक माह की पूर्णिमा 27 नवम्बर को मनाई जाएगी।
जरूर करें ये काम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। साथ ही इस तिथि पर गरीबों और जरूरतमंदों को दान आदि करने से व्यक्ति को पुण्य फलों की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही इस दिन घर की स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखें। माना जाता है कि जो भी साधक इस दिन पूरे घर की अच्छे से साफ-सफाई करता है उसके घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
दान करें ये चीजें
पूर्णिमा तिथि पर सफेद वस्तुएं जैसे – चावल, चीनी, दूध आदि का दान करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। हिंदू धर्म में दीपदान का विशेष महत्व माना गया है ऐसे में इस दिन शाम के समय दीपदान जरूर करना चाहिए। साथ ही यह भी माना गया है कि पूर्णिमा पर पूरे घर में दीये जलाने से व्यक्ति के सभी दुख दूर होते हैं।
न करें ये गलतियां
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। इस दिन मांसाहारी भोजन करने से बचें और सात्विक भोजन ग्रहण करें। न ही इस दिन शराब आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के विशेष अवसर पर किसी का अपमान, घृणा और अपशब्द आदि नहीं बोलने चाहिए, इससे भगवान विष्णु रुष्ट हो सकते हैं।