
श्रमिकों के शिष्टमंडल नो मंडलायुक्त को ज्ञापन देकर लगाई मार्मिक गुहार, डीआरटी में केस दर्ज करवाने में भी हीलाहवाली का भी इल्ज़ाम
एफएनएन ब्यूरो, बरेली। बुधवार 22 जनवरी को एस & सी कर्मचारी यूनियन का प्रतिनिधिमंडल महामंत्री अशोक मिश्रा के नेतृत्व में मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल से मिला और ज्ञापन देकर 25 साल पहले अघोषित तौर पर बंद की गई सिंथेटिक्स एंड केमिकल्स लि. (रबड़ फैक्ट्री) के जबरन सवैतनिक पर भेजे गए 1432 स्थायी कर्मचारियों के वैधानिक रूप से देय सभी भुगतान जल्द कराने का आग्रह किया।

ज्ञापन में 19 जुलाई 24 को एस एंड सी कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक मिश्रा की पहल पर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और अन्य संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ हुई महत्वपूर्ण वर्चुअल मीटिंग में तय ऐजेंडे पर अभी तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होने पर गहरी चिंता और असंतोष भी व्यक्त किया गया है। ज्ञापन में मंडलायुक्त को बताया गया है कि ऋण वसूली अभिकरण (डीआरटी) मुम्बई में रबड़ फैक्ट्री के विस्थापित स्थायी कर्मचारियों के विधिक देयों के भुगतान संबंधी वाद अभी तक दायर नहीं हो पाने की वजह से भारी आर्थिक तंगी और मानसिक यंत्रणा से जूझते आ रहे मजदूरों में भारी अनिश्चिता का माहौल है। ज्ञापन में संबंधित उच्चाधिकारियों पर ढुलमुल कार्रवाई के जरिए सैकड़ों विस्थापित कर्मचारियों और उनके आश्रितों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया गया है।

ज्ञापन में मंडलायुक्त को यह भी अवगत कराया गया कि वर्षों से भयंकर आर्थिक तंगी, पारिवारिक ताने-उलाहने और अझेल मानसिक यंत्रणा नहीं झेल पाने पर इसी सप्ताह में रबड़ फैक्ट्री के विस्थापित स्थायी कर्मचारियों सन्त प्रकाश शर्मा, आई पी शंखधार और जागन प्रसाद का दुखद निधन भी हो चुका है। ज्ञापन में इन और पूर्व में भी अन्य अनेक कर्मचारियों की अति दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण असामयिक मौतों पर यूनियन की ओर से गहरी चिंता जताई गई। साथ ही मंडलायुक्त सुश्री अग्रवाल से पुनः अनुरोध किया कि शासन को संज्ञान दिलाकर पीडित पक्ष के हितों पर गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुए सभी लंबित देयों का भुगतान सुनिश्चित कराएं। ज्ञापन देने वालों में अजय भटनागर, आरसी शर्मा, प्रदीप रस्तोगी, एससी निगम, प्रमोद कुमार आदि एस & सी कर्मचारी यूनियन से जुड़े श्रमिक नेता भी शामिल रहे।