एफएनएन ब्यूरो, बरेली। कवि गोष्ठी आयोजन समिति के तत्वावधान में रविवार को बरेली सिटी रेलवे स्टेशन के पीछे स्थित पांचालपुरी कॉलोनी में सामाजिक कार्यकर्ता योगेश जौहरी के संयोजत्व और रामकुमार भारद्वाज ‘अफरोज’ की अध्यक्षता में कवि गोष्ठी एवं साहित्यकार सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया।
बुराई पर अच्छाई के प्रतीक विजया दशमी पर्व के दूसरे दिन रविवार को आयोजित कवि गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामशंकर शर्मा शर्मा ‘प्रेमी’ को ‘रामदूत सम्मान’ से विभूषित किया गया। संस्था के अध्यक्ष रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ एवं सचिव उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट द्वारा उन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न भेंटकर और उत्तरीय उढ़ाकर, पुष्प मालाएं पहनाकर सारस्वत अभिनन्दन किया गया।
इससे पहले अतिथियों द्वारा माँ शारदे के चित्र के समक्ष दीप जलाकर और सरस वाणी वंदना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
वरिष्ठ साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान इन शब्दों में किया-
नाम जो मुख पर कभी श्रीराम का लाता नहीं
वह नरक को भोगता है स्वर्ग को पाता नहीं।
गीतकार उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने भी श्रीराम की महत्ता को प्रदर्शित करती अपनी रचना प्रस्तुत की-
सीखो ‘रामचरितमानस’ से, जीने के आयाम।
राम-नाम ही सत्य जगत में, बोलो जय श्री राम।
अश्वनी कुमार तन्हा ने अपनी रचना के माध्यम से समझाया-
सर्वोपरि है मनुजता, खुद पर कर उपकार
सत्य प्रेम के तीर से रावण-तम को मार।
प्रताप मौर्य ‘मृदुल’ ने अपनी रचना प्रस्तुत की-
जन्मभूमि के रखवालों का, दोष मिटा है तिरपालों का
भव्य भुवन में चार कला के, दर्शन कर लो राम लला के।
राज कुमार अग्रवाल ने ग़ज़ल पढ़ी-
तेरी हर बात जाने जां पुरानी याद आती है
हसीं लम्हात की दिलकश कहानी याद आती है।
मनोज दीक्षित टिंकू ने गाया-
रावण मारा राम ने, गया स्वर्ग के धाम
रावण रावण ही रहा, राम हैं अब भी राम।
कवि किशन बेधड़क नें सुनाया-
ईमान गया सब कुछ गया
मानुष मृत समान।
कवि गोष्ठी में कवियों ने भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान किया और अपनी एक से बढ़कर एक रचनाओं के माध्यम से भगवान श्री राम के आदर्शों को अपनाने का संदेश दिया । कार्यक्रम का सफल संचालन मनोज दीक्षित टिंकू ने किया। अंत में संयोजक योगेश जौहरी ने सभी के प्रति आभार प्रदर्शित किया ।