एफएनएन, बरेली। आर्ट ऑफ लिविंग बरेली चैप्टर के सौजन्य से 21वें वार्षिक गुरु पूर्णिमा पर्व पर ध्यान साधना और भजन संध्या आयोजित की गई।
वक्ताओं ने समझाया कि गुरूदेव श्रीश्री रविशंकर जी कहते हैं कि सच्चा गुरु आपके जीवन में सिर्फ ज्ञान ही नहीं भरता, बल्कि उसे सही दिशा में ले जाने की अनूठी शक्ति का संचार भी करता है।
होटल स्वर्ण टॉवर में आयोजित ध्यान और भजन संध्या में श्री श्री रविशंकर जी के उद्बोधनों के वीडियो संदेश चलाकर बताया गया कि गुूरु तत्व हमारे जीवन में व्याप्त है। हमारी माँ हमारी पहली गुरु है। जन्म से मृत्यु तक, गुरु तत्व हमारे जीवन में व्याप्त है। हर विधा के लिए एक गुरु जरूरी होता है। एक धर्म गुरु (धार्मिक) एक कुल गुरु (परिवार), एक राज गुरु (राज्य के लिए गुरु), एक विद्या गुरु (किसी विशेष विधा के लिए गुरु) और एक सतगुरु (आध्यात्मिक गुरु)।
वक्ताओं ने समझाया-गुरु आपको सिर्फ ज्ञान ही नहीं देता है, बल्कि आपके अंदर जीवन शक्ति को जगाने में मदद करता है और विवेक भी जाग्रत करता है। ज्ञान से बुद्धि नहीं आती, लेकिन बुद्धि की अवस्था में ज्ञान अंतर्निहित होता है। गुरू बिना ज्ञान नहीं, ज्ञान बिना आत्मा नहीं। ध्यान, ज्ञान, धैर्य और कर्म सब गुरू की ही देन है।
बेंगलुरु आश्रम से आये अंकित चितकारा का सत्संग का भी आयोजन हुआ। आर्ट लिंविग के गुरु पंडितों द्वारा गुरुपूजा से इसकी शुरुआत हुई जिसमें मुख्य रूप से श्वेत कुनारा, प्रीति नुनियाल, अमित नारनोली, पूजा नारनोली शामिल हुए।
वी०डी०एस० कॉर्डिनेटर यूपी ने कहा एक शिक्षक शिक्षा देते हैं, लेकिन गुरु दीक्षा देते हैं। गुरु आपको जानकारियों से नहीं भरते बल्कि वे आपके भीतर जीवनी शक्ति जाग्रत करते हैं। गुरु की उपस्थिति में आपके शरीर का कण-कण जीवन्त हो जाता है उसी को दीक्षा कहते है।
उसके बाद बच्चों ने सूर्य नमस्कार का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जिसकी सबने खूब सराहना की। इसमें मुख्य रुप से अन्य अविरल, अक्षत, अनन्या नित्यम अर्थव आदि ने भाग लिया।
तत्पश्चात् भजन गायक अंकित चितकारा ने अपनी मधुर आवाज से ‘जय गुरु ओंकारा’ और ‘देवी नन्दिनी’ जैसे भजन गाकर भक्तजनों का मनमोह लिया। श्री श्री रवि शंकर जी आवाज में उपस्थित लोगों ने ध्यान भी किया। कुछ डॉक्टर पहली बार में ही आसानी से ध्यान लगने पर बहुत खुश दिखे। कार्यक्रम में संस्था के मीडिया कोआर्डिनेटर सौरभ मेहरोत्रा और शहर के अन्य अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।