मंगलवार देर रात दिल्ली के अस्पताल में हुआ निधन, अंत्येष्टि में शामिल हुए सैकड़ों लोग
एफएनएन ब्यूरो, फतेहगंज पश्चिमी। सभी ज्योतिर्लिंगों और 100 से अधिक पद यात्रा करके कावड़ चढ़ाने वाले महंत सत्य प्रकाश अग्रवाल की हृदय गति रुकने से दिल्ली में इलाज कें दौरान मंगलवार देर शाम निधन हो गया। वह करीब 58 वर्ष के थे।
महंत सत्य प्रकाश के निधन से कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई है। वह अपने पीछे पत्नी प्रीति अग्रवाल, बेटा शिवम,शशांक अग्रवाल,प्रशांत अग्रवाल को छोड़ गए हैं। बुधवार दोपहर 12 बजे उनका पार्थिव शरीर पंच तत्वों में विलीन हो गया।
महंत सत्य प्रकाश के बेटे शशांक ने बताया कि उनके पिता को 7 नवंबर को पहला अटैक पड़ा था। बरेली के डॉक्टर की सलाह पर उन्हें मेदांता अस्पताल दिल्ली में भर्ती कराया था। हृदय में स्टंट डालने के बाद डॉक्टर ने उन्हें एक दिन बाद दुबारा दिखाने को कह दिया। घर आने के बजाय मंगलवार को वहीं रुक गए। शाम को खाना खाने के बाद वह लेटे थे। इसी दौरान उनको दूसरा अटैक पड़ गया और डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए।
धार्मिक प्रवृत्ति के महंत सत्य प्रकाश हरिद्वार से गोला, ओंकारेश्वर, उज्जैन महाकालेश्वर आदि धार्मिक स्थलों पर पदयात्राएं करके 100 से अधिक कांवड़ें चढ़ा चुके थे। साथ ही महंत के रूप में वर्षों से कांवड़ियों के जत्थों का नेतृत्व कर हजारों शिवभक्तों से भी कांवड़ें चढ़वा चुके थे। इतना ही नहीं, उन्होंने सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन भी कर लिए थे जो हर किसी को नहीं होते।
महंत सत्य प्रकाश का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह को घर पहुंचा तो कोहराम मच गया।समूचे कस्बा में शोक की लहर फेल गई।सभी की आंखे नमन हो गई।करीब 11 बजे उनका शरीर कस्बा की शमशान भूमि में पंच तत्वों में विलीन हो गया।उनके अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग शामिल हुए।