एफएनएन, कानपुर : प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत बनाया गया मल्टी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल अभी पूरा नहीं हुआ है। यहां स्टाफ, ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक, बिजली और पानी का कनेक्शन भी नहीं मिल पाया है। लिंडे कंपनी ने स्टोरेज टैंक देने के मामले में चुप्पी साध ली है। इस आधे अधूरे हॉस्पिटल का उद्घाटन 28 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना है। माना जा रहा है कि अस्पताल के भवन की फिनिशिंग का काम एक सप्ताह में पूरा हो जाएगा। इस स्थिति में अगर मल्टी सुपर स्पेशिएलिटी का उद्घाटन हो गया तो अस्पताल बिना स्टाफ के चल नहीं पाएगा। स्टाफ के अलावा अस्पताल को पूरे उपकरण भी नहीं मिल पाए हैं। जीएसवीएम मेडिकल कालेज प्रबंधन और हॉस्पिटल प्रोजेक्ट के प्रभारी डॉ. मनीष सिंह की ओर से लिंडे कंपनी को कई पत्र लिखे गए हैं। बताया जा रहा है कि पहले लिंडे ने मुफ्त स्टोरेज टैंक देने के लिए कहा था। अब मेडिकल कालेज प्रबंधन पैसे देने के लिए भी तैयार है।
कंपनी निजी अस्पतालों को तो टैंक दे रही है लेकिन पीएमएसवाई के लिए टैंक नहीं दिया। ऐसे में ऑक्सीजन सिलिंडर से अस्पताल में काम चलाना पड़ेगा। केंद्र ने अपना हिस्सा तो दे दिया है लेकिन 30 करोड़ रुपये राज्यांश नहीं मिला है। केंद्र की ओर से कालेज प्रबंधन को पत्र भेजकर अब उपकरण देने से मना कर दिया गया है। राज्यांश मिलने पर ही अब उपकरण मिल पाएंगे। अगर अभी पैसा नहीं मिला तो आचार संहिता लागू होने के बाद काम रुक जाएगा। इसके अलावा सबसे बड़ा मुद्दा मल्टी सुपर स्पेशिएलिटी के चार्जेज के हैं। अभी कोई फीस स्लैब जारी नहीं हुआ है। जब तक स्लैब जारी नहीं होगा, इसमें रोगियों का इलाज नहीं हो पाएगा। बताया जा रहा है कि इसका फीस स्लैब एसजीपीजीआई लखनऊ जैसा होगा। केंद्र के संस्थान के लिहाज से ही स्लैब तय किया जाना है। इसके अलावा मैन पावर अभी अस्पताल के लिए नहीं रखा गया है। अस्पताल में बिना पैरा मेडिकल स्टाफ के भी काम नहीं सकेगा।