व्यापक तकनीकी सर्वे और गहन विचार मंथन के बाद साल आखिर तक शासन को भेजी जाएगी डीपीआर
एफएनएन ब्यूरो, बरेली। शहर में मेट्रो रेल संचालन की संभावनाओं पर बीडीए और राइट्स (रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस) के अधिकारियों ने मंगलवार को घंटों विचार मंथन किया। मेट्रो के प्रस्तावित दोनों कॉरिडोर्स पर वर्ष 2056 तक रोजाना सात लाख यात्रियों की आवाजाही का अनुमान लगाते हुए मेट्रो या लाइट मेट्रो की उपयोगिता के सवाल पर जमतर कवायद हुई। अब 15 अक्तूबर तक सर्वेक्षण कर पता लगाया जाएगा कि शहर में लाइट मेट्रो का आधारभूत ढांचा बनवाया जाए या भविष्य की जरूरत को देखते हुए मेट्रो रेल का स्ट्रक्चर तैयार करवाना ही अधिक समझदारी और दूरदृष्टि वाला उपयुक्त फैसला लिया जाए।
राइट्स के तकनीकी अफसरों ने इस मीटिंग में साफ कह दिया कि अगर अभी लाइट मेट्रो का ट्रैक बनवाया गया तो भविष्य में उसे मेट्रो रेल में परिवर्तित करना संभव नहीं होगा लेकिन भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर अगर मेट्रो रेल का ही ट्रैक बनवाया जाए और यात्री कम होने की स्थिति में शुरुआत में सिर्फ दो-दो कोच ही इन दोनों प्रस्तावित कॉरिडोर्स पर चलवाए जाएं। बाद में यात्रियों की तादाद में इजाफा होने पर मेट्रो रेल में कोचों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।
जमीन के 30 मीटर नीचे से मिट्टी के नमूने लेने की तैयारी
बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए की अध्यक्षता में आयोजित इस अहम बैठक में राइट्स के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल शहर में सर्वे चल रहा है। प्रस्तावित दोनों रूटों पर कई जगहों से जमीन के 30 मीटर नीचे से मिट्टी के नमूने लिए जा रहे हैं। मिट्टी की जांच के बाद ही पता लगेगा कि जमीन मेट्रो रेल और यात्रियों का बोझ झेल भी पाएगी या नहीं? मेट्रो के लिए ट्रैक बनवाने में कोई बड़ी तकनीकी दिक्कत तो नहीं आएगी।
बैठक में ट्रैफिक एंड सिस्टम सेलेक्शन की प्रस्तुति भी दी गई। अब अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट बनेगी, ताकि तय हो सके कि मेट्रो चलाई जाए या लाइट मेट्रो? सर्वे की रिपोर्ट आने पर बीडीए, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और विद्युत निगम के अधिकारियों के सामने पूरा ब्योरा रखा जाएगा।
इसके बाद डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भी इसी दिसंबर तक तैयार कर शासन को भेज दी जाएगी। बैठक में शामिल बीडीए के अधिशासी अभियंता एपीएन सिंह ने बताया कि 2022-23 के ट्रैफिक डाटा को लेने के बाद मेट्रो की प्रक्रिया आगे बढ़ी थी। अब इसे अंतिम रूप दिया जाना है।
ये दो मेट्रो कॉरिडोर हैं प्रस्तावित
- फन सिटी से चौकी चौराहा होते हुए जंक्शन तक (12 किलोमीटर)
- डेलापीर चौराहा से कोहाड़ापीर-कुतुबखाना होते हुए जंक्शन तक (9.3 किलोमीटर)
अगले तीस साल की जरूरतों के मुताबिक बनेगा प्रस्ताव
अगले तीस साल की शहर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मेट्रो का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए ने कहा कि अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट आने के बाद सभी संबंधित विभागों के साथ मंथन किया जएगा।
परियोजना पर खर्च होंगे ₹5000 करोड़
बरेली में प्रस्ताबित मेट्रो रेल परियोजना पर 5000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है। राइट्स, बीडीए, नगर निगम अन्य तमाम विभागों की मदद से कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार हो चुका है। मेट्रो परियोजना के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, जमीन अधिग्रहण, ऑपरेशन एवं मेंटिनेंस पर होने वाले खर्च का आकलन किया गया है।