31 अगस्त तक देना था समस्त चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा, नाफरमानी करने वालों में शिक्षा, स्वास्थ्य और राजस्व कर्मी सबसे आगे
एफएनएन ब्यूरो, लखनऊ। बार-बार हिदायतें देने पर भी उत्तर प्रदेश के 2.44 लाख सरकारी कर्मचारियों द्वारा उनकी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने पर योगी सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए इन सबका अगस्त माह का वेतन रोक दिया है।
प्रदेश शासन द्वारा सभी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति की डिटेल 31 अगस्त 2024 तक हर हाल में दे देने का स्पष्ट निर्देश दिया गया था लेकिन अभी तक इन कर्मचारियों के ओर से संपत्ति की डिटेल नहीं दी गई है। लिहाजा वेतन रोकने का कड़ा निर्णय लेना पड़ा है।
बीते दिनों मुख्य सचिव ने 31 अगस्त तक सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी समस्त चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा देने के स्पष्ट निर्देश दिए थे.। यह ब्यौरा कर्मचारियों को मानव संपदा पोर्टल पर देना था लेकिन केवल 71 फीसदी कर्मचारियों ने ही अपने चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर दिया है।
यूपीुं के 8,46,640 सरकारी कर्मचारियों में से केवल 6,02,075 कर्मचारियों ने ही अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया है। संपत्ति का ब्यौरा देने में टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कर्मचारी आगे हैं जबकि शिक्षा विभाग के कर्मचारी संपत्ति छुपाने में नंबर वन हैं।
संपत्ति छुपाने में शिक्षा-स्वास्थ्य-राजस्व कर्मी टॉप पर
अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वालों में सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हैं। राजस्व विभाग के ज्यादातर कर्मचारियों ने भी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है।
ट्रिलियन डॉलर इकानॉमी राज में वेतन तक के लाले: सपा
सपा मीडिया सेल की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा गया है, ‘कथित ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी राज में कर्मचारियों की सेलरी तक रोक दी जा रही है।”