एफएनएन, किच्छा: कांग्रेस विधायक द्वारा धरना देना, भ्रष्टाचार का आरोप लगाना तथा दो दिन में ही चीनी मिल अधिकारियों, कर्मचारियों को माला पहनाना उनकी राजनीतिक नौटंकी एवं अगंभीरता को दर्शाता है, तथा वे खुद भ्रमित है कि उनका स्टैंड क्या है? उक्त आरोप आज प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने लगाते हुए कहा कि शासन द्वारा पिछले 30 वर्षों में पहली बार किच्छा चीनी मिल को 12 करोड रुपए आधुनिकीकरण के लिए दिए, ऐसा इसलिए भी संभव हो पाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं गन्ना मंत्री सौरव बहुगुणा हैं, इससे पहले इसी जिले के मंत्री होने के बावजूद कांग्रेस शासन में मिलो के आधुनिकीकरण का जिम्मा चीनी मिल स्वयं उठती थी, सरकार से कभी राशि नहीं मिली, इस बार नादेही, बाजपुर, किच्छा चीनी मिलों को शासन से पर्याप्त धन आधुनिकीकरण को मिला।
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शुक्ला ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तथा बेहड़ मंत्री थे तब न तो चीनी मिलों को आधुनिकीकरण का पैसा मिला और न ही घाटे की चीनी मिलों को गन्ना कृषकों के भुगतान के लिए कोई अनुदान मिला, विपक्ष के विधायको के लगातार प्रश्नों के बाद कांग्रेस सरकार ने घाटे की चीनी मिलों को लोन देकर गन्ना कृषकों को भुगतान करने के निर्देश दिए तथा पहले से घाटे में चल रही चीनी मिले उस लोन का ब्याज भी नहीं भर पाई तथा कई मिले बंद हो गई जैसे काशीपुर, गदरपुर चीनी मिल आदि। परंतु जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई तो उसने मिलो को गन्ना कृषकों के भुगतान के लिए अतिरिक्त राशि अनुदान के रूप में दी, एक साथ प्रदेश की मिलों को 300 करोड़ की धनराशी का अनुदान दिया गया जिससे मिलो की हालत सुधरी।
पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि चीनी मिल का आधुनिकीकरण पारदर्शिता से हुआ है अपने शासन के दौरान भ्रष्टाचार करने वालों को सभी चोर नजर आते हैं, धरना किसानों के लिए नहीं बल्कि कमीशन खोरी के लिए किया गया, जब सरकार व अधिकारी दबाव में नहीं आए, तो माला पहनाने पहुंच गए वरना दो ही दिन में भ्रष्टाचारी, ईमानदार कैसे हो गए?
शुक्ला ने कहा कि मिल के सत्र का शुभारंभ होने के एक-दो दिन बाद ही बॉयलर में पूरा कंप्रेसर बनता है, ये हमेशा और हर जगह होता है, लेकिन यहां सिर्फ विरोध के लिए मुद्दा बनाया गया। यदि कार्ड पर विशिष्ट अतिथि का ही मुद्दा था तो उससे पहले जब बॉयलर पूजन हुआ था उस दिन क्यों नहीं आए? कांग्रेसियों को किसानों से कोई प्रेम नहीं सिर्फ राजनीति और नौटंकी कर रहे हैं। मेरी हार का मजाक उड़ाना, मुझे अगली बार 20 हजार से हारने की धमकी उनका अहंकार है, अहंकार तो रावण का नहीं रहा, खुद 25 हजार से हारकर रुद्रपुर छोड़कर भागे अब यहां किच्छा का विकास करने के बजाय नौटंकी को जनता समझ रही है अगली बार कहा भागोगे बताओ?