Saturday, November 23, 2024
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Homeराज्यउत्तराखंडमहिला आरक्षण पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने लगाया कमजोर पैरवी का आरोप

महिला आरक्षण पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने लगाया कमजोर पैरवी का आरोप

एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड मूल की महिलाओं के 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर अदालत की रोक के बाद सियासत गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस ने सरकार पर अदालत में कमजोर पैरवी करने का आरोप लगाया है और सरकार से सुप्रीम कोर्ट जाने की मांग की। उधर, भाजपा ने कहा कि सरकार कोई न कोई रास्ता निकाल लेगी। अमर उजाला ने इस मसले पर अलग-अलग लोगों की प्रतिक्रियाएं मिली। सभी ने राज्य की महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण देने का समर्थन किया है।

  • सरकार रास्ता निकाल लेगी

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट ने कहा कि राज्य की महिलाओं के 30 प्रतिशत आरक्षण के मसले पर हमने सरकार से बात की है। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रदेश सरकार इस मामले में कोई न कोई कानूनी रास्ता निकाल लेगी। भट्ट ने क्षैतिज आरक्षण का समर्थन किया और कहा कि राज्य की महिलाओं का अहित नहीं होने दिया जाएगा।

  • ठीक से पैरवी नहीं कर पाई सरकार

महिलाओं को नौकरी में 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण के मसले की सरकार ने हाईकोर्ट में ठीक से पैरवी नहीं कर पाई। यही वजह है कि इस पर रोक लगी है। महिलाओं को इसका लाभ मिलता रहे इसके लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट जाए या फिर इसके लिए अध्यादेश लाए।

  • महिलाओं को आरक्षण का लाभ मिलता रहना चाहिए
महिलाएं मजबूती से आगे बढ़े इसके लिए उन्हें नौकरी में आरक्षण का लाभ मिलता रहना चाहिए। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध करुंगी। महिलाओं के हित में जो भी संभव होगा उसे लेकर आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
  • सरकार सभी विकल्पों पर विचार कर रही है
उत्तराखंड में  विकास, समाज, आर्थिकी, संघर्ष की धूरी मातृशक्ति ही है। संविधान के अनुच्छेद 15(3)  में भी महिलाओं और भच्चों के लिए कानून बनाने की व्यवस्था है। सरकार अध्यादेश लाने और न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के विकल्प पर विचार कर रही है।
  • क्षैतिज आरक्षण पर भाजपा असहज
उत्तराखंड में आधी आबादी को भाजपा अपने मजबूत वोट बैंक के तौर पर देखती है। महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण पर आए अदालत के फैसले से पार्टी असहज है। उस पर क्षैतिज आरक्षण का बचाव करने का जबर्दस्त दबाव है। माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से भी प्रदेश सरकार से अनुरोध किया जाएगी कि वह महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण के मामले में पूरी ताकत के साथ कानूनी लड़ाई लड़े।

 

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