एफएनएन, नैनीताल : हाई कोर्ट ने बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन, उत्तराखंड ऊर्जा नियामक आयोग, उत्तराखंड इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
देहरादून के आरटीआई क्लब ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि प्रदेश का ऊर्जा महकमा हर वर्ष विद्युत दरों में बढ़ोतरी करते आ रहा है। निगम की इस साल भी बढ़ोतरी करने की योजना है, जिसकी वजह से गरीब लोगों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। निगम बिजली कनेक्शन लेते समय उपभोक्ताओं से सिक्योरिटी के तौर पर पैसा जमा करवाता है। उस पैसे का निगम एफडी बनाता है। इस एफडी से मिलने वाले ब्याज का लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाए।
निगम ने यह पैसा अपने घाटे को पूरा करने के लिए निकाल लिया, जो करीब सोलह सौ करोड़ है। जबकि निगम के पास अभी 27 लाख उपभोक्ता है। निगम इसे निकाल नही सकता क्योंकि यह पब्लिक मनी है। जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि निगम फिर से इस पैसे की एफडी बनाए और उससे मिलने वाले ब्याज को उपभोक्ताओं के बिलो में छूट दे। बिजली के बिल हर माह दिए जाएं। जिससे कि उपभोक्ताओं को छूट का लाभ मिल सके।