Wednesday, April 2, 2025
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बरेली में उद्योग लगवाने से पहले रबड़ फैक्ट्री के विस्थापित श्रमिकों के हितों की रक्षा करे योगी सरकार

एसएंडसी कर्मचारी यूनियन की आक्रोश बैठक में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह के बयान को घाव पर नमक छिड़कने जैसा बताया, फौरन भुगतान और फैक्टरियों में श्रमिक आश्रितों की नौकरी पर जोर

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। एस एंड सी कर्मचारी यूनियन की रबड़ फैक्टरी कर्मचारियों की एक मीटिंग रामपुर गार्डन में शैलेन्द्र चौवे की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह के उस हालिया बयान की तीखी आलोचना की गई जिसमें 25 वर्ष से बंद पड़ी रबड़ फैक्ट्री के बदले बरेली को विकास के नाम पर तीन बड़े उद्योग देने की घोषणा की गई है।

एसएंडसी कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक मिश्रा ने मीटिंग में जोर देकर कहा कि सैकड़ों विस्थापित रबड़ फैक्ट्री श्रमिक और उनके आश्रित पिछले, 25 साल से भयंकर बेरोजगारी,आर्थिक तंगी और भुखमरी से जूझ रहे हैं। अपने विधिक रूप से मान्य देयों का भुगतान पाने के लिए वर्षों से कोर्ट में लंबी लडाई लड़ते हुए 650 से अधिक श्रमिक असमय ही मौत को गले लगा चुके हैं। परेशान-असहाय श्रमिकों के सभी देय बकाया भुगतान फौरन करवाने के बजाय मंत्री बरेली में तीन बड़े उद्योग लाने का हवा-हवाई वायदा-दावा कर इन सबके घावों पर नमक छिड़कने का ही काम कर रहे हैं जो निंदनीय है।
श्री मिश्रा और अन्य अनेक वक्ताओं ने भी कहा कि रबड़ फैक्ट्री श्रमिकों के सभी विधिसम्मत देयों का भुगतान जल्द सुनिश्चित कराने के लिए यूनियन की ओर से पिछले काफी समय से लगातार बरेली प्रशासन से लेकर मुख्य मन्त्री योगी आदित्यनाथ, उनके मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह तक को कई ज्ञापन दिए जा चुके हैं लेकिन भुगतान फिर भी अटका हुआ है और दुर्भाग्यवश बीमारी, आर्थिक तंगी में घिरे रबड़ फैक्ट्री श्रमिक लगभग हर महीने देकर असमय मौत के मुंह मे जा रहे हैं। ऐसे में पूर्व में श्रम मंत्री रहे पशुधन दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह रबड़ फैक्ट्री के विस्थापित श्रमिकों का कल्याण कराने के बजाय उनके प्रति घनघोर उपेक्षापूर्ण रवैया ही अपनाए हुए हैं जिससे समस्त रबड़ फैक्ट्री श्रमिकों में भारी बेचैनी, असंतोष और रोष है।
मीटिंग में श्रमिक नेताओं ने कहा कि बंद रबड़ फैक्ट्री की 1170 एकड़ निष्प्रयोज्य खाली जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त करवाने की कठोर और ठोस कार्रवाई पर ध्यान देने की बजाय इस कथित लोककल्याणकारी सरकार के नुमाइंदे रबड़ फैक्ट्री के विस्थापित मजदूरों के घावों पर मरहम की वजाय नमक ही छिड़कने में जुटे हैं।
सरकार को रबड़ फैक्टरी के विस्थापित श्रमिकों या उनके आश्रित सदस्यों को इन्हीं तीन घोषित फैक्टरियो में नौकरी देने की घोषणा करनी चाहिए थी।

मीटिंग में सम्मिलित सभी श्रमिक नेताओं ने बरेली क्षेत्र के सम्मानित मंत्री एवं विधायकों को चेताया कि कबीरा कहे गरीब की हाय दूर तक जाए। लिहाजा प्रदेश सरकार को इस क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए बेरोजगारी का कलंक मिटाकर पीडित मजदूरों के हितों का ख्याल रखते हुए रबड़ फैक्ट्री की खाली पड़ी जमीन का अधिग्रहण कर औधोगिक विकास कराना चाहिए। आज की श्रमिक आक्रोश मीटिंग मे श्री हैदर नबी, कैलाश, ,भूरे, प्रदीप निगम, आरसी शर्मा, रस्तोगी, गजेन्द्र, प्रमोद कुमार सहित रबड़ फैक्ट्री के बहुत से विस्थापित श्रमिक मौजूद रहे।

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