एफएनएन, शिमला: बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन थम नहीं रहा है. प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के ढाका स्थित पीएम निवास पर भी हमला बोल दिया और अंदर जाकर खूब तोड़फोड़ मचाई. हिंसक प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना इस्तीफा देने के बाद भारत आ गई हैं. बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष वकार उज जमान ने प्रदर्शनकारियों को उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया है. साथ ही उन्होंने अंतिरम सरकार बनाने की भी बात कही है. वकार उज जमान पर ही बांग्लादेश में तख्ता पलट के आरोप लग रहे हैं. भारत भी इस स्थिति पर नजर रख रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर सभी दलों के नेताओं से बातचीत की है.
‘हमें सोच समझकर लेना है निर्णय’
वहीं, बांग्लादेश के हालातों पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कहा कि, ‘ जितने भी इस्लामिक रिपब्लिक हैं आगे चलकर उनकी ऐसी हालत हो जाती है. जब वहां कोई दूसरा हावी होता है तो उन्हें खत्म करने की कोशिश की जाती है. ब्रिटेन में क्रिश्चियन को पकड़-पकड़ कर मारा जा रहा है, जब वहां वो अकेला धर्म बच जाता है तो ये आपसी झगड़े में उलझ जाते हैं, इसलिए सनातन की दीया पूरे विश्व में जलना चाहिए. हमें देश को भटकाने और हमारे देश को अन्तर्राष्ट्रीय ताकतों को बेचने वालों से सावधान रहना है. हमारे आसपास के कुछ लोगों को भटकाया जा रहा है, हमें उन्हें भी रास्ते पर लाना है. बांग्लादेश हमारा एक मित्र है, लेकिन अब वो भी हमारा मित्र नहीं रहा है. चारों तरफ से अन्तर्राष्ट्रीय ताकतों ने हमें घेर लिया है. भारत को हर निर्णय सोचकर लेना चाहिए. हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि आदिकाल से हमारे देश में स्नातन का झंडा लहराया जा रहा है. यहां के लोकतंत्र को पूरा विश्व देख रहा है.’
वहीं, कंगना ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, भारत हमारे आस-पास के सभी इस्लामिक गणराज्यों की मूल मातृभूमि है. हम सम्मानित और खुश हैं कि बांग्लादेश की माननीय प्रधानमंत्री भारत में सुरक्षित महसूस करती हैं, लेकिन भारत में रहने वाले सभी लोग पूछते रहते हैं कि हिंदू राष्ट्र क्यों? राम राज्य क्यों? खैर, यह स्पष्ट है कि क्यों! मुस्लिम देशों में कोई भी सुरक्षित नहीं है, यहां तक कि खुद मुसलमान भी नहीं. अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश और ब्रिटेन में जो कुछ भी हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. हम भाग्यशाली हैं कि हम राम राज्य में रह रहे हैं.
क्यों हो रहे बांग्लादेश में प्रदर्शन
दरअसल, साल 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों यानि मुक्ति वाहिनी सेना के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं. प्रदर्शनकारी छात्र इस आरक्षण को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि इसका फायदा शेख हसीना की पार्टी के लोगों को मिल रहा है. हालांकि बाद में सरकार ने आऱक्षण को वापस भी लिया, लेकिन लड़ाई शेख हसीना के इस्तीफे पर आ चुकी थी और उनके खिलाफ उग्र प्रदर्शन शुरू हो चुके थे.