श्रमिक नेताओं ने वन-पर्यावरण मंत्री को ग्यापन देकर सरकार के समक्ष रखी मांग
एफएनएन,बरेली। 25 वर्ष से बंद पड़ी रबड़ फैक्ट्री कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल बरेली में वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॆ. अरुण कुमार सक्सेना से उनके कार्यालय में मिला और उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के समक्ष फैक्ट्री कर्मचारियों की मांगें रखने पर उनका धन्यवाद दिया और उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा।
ज्ञापन में मुख्य मांग थी कि 19 जुलाई को गोमती नगर लखनऊ के पिकप भवन में आयोजित रबड़ फैक्ट्री से जुड़े सभी हितधारकों की इस महत्वपूर्ण वर्चुअल मीटिंग में जिलाधिकारी बरेली को रबड़ फैक्ट्री की 1170 एकड़ जमीन पर कब्जा लेने का निर्देश दिया गया। साथ ही कर्मचारियों की लगभग 247 करोड़ रुपये की देनदारियों की बाबत भी श्रम विभाग द्वारा शासन को जानकारी दी गई थी।
कर्मचारियों की ज्ञापन में मांग है कि उनके सभी वैधानिक देय भुगतानों का निस्तारण राज्य सरकार रबड़ फैक्ट्री की जमीन अपने अधिकार में लेकर शीघ्र कराए। ज्ञापन में बताया गया कि मुंबई हाईकोर्ट 19 अक्टूबर 2020 को अलकेमिसट रीकंस्ट्रक्शन के पक्ष में दिये अपने आदेश को 20 दिसम्बर 2023 को निरस्त कर वापस भी ले चुका है। साथ ही फैसले में अलकेमिस्ट रीकंस्ट्रक्शन द्वारा साजिशन छुपाए गए तथ्यों को भी उजागर किया है।
अब जमीन उच्च न्यायालय द्वारा अधिकृत डीआरटी मुम्बई के अधिकार क्षेत्र में है। लिहाजा डीआरटी के कोर्ट रिसीवर से उप्र सरकार द्वारा उक्त जमीन पर कब्जा लेकर व्यापक जनहित में इंडस्ट्रियल काॆरिडोर और एम्स बनवाने तथा श्रमिकों का सवैतनिक अवक का अब तक का पूरा वैधानिक भुगतान कराने की कार्रवाई भी शीघ्र ही सुनिश्चित कराई जाय। प्रतिनिधिमंडल में एस एंड सी इंम्प्लाईज यूनियन के महामंत्री अशोक कुमार मिश्रा और श्रमिक नेता अनिल गुप्ता, सन्त प्रकाश शर्मा, प्रदीप कुमार रस्तोगी भी शामिल रहे।