एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड में गुलदारों ने सबसे ज्यादा नींद उड़ाई हुई है। ये घर-आंगन से लेकर खेत-खलिहानों तक धमक रहे हैं, मानव और पालतू जानवरों पर गुलदार के हमले लगातार बढ़ रहे हैं। 71.05 फीसद वन भूभाग आबादी वाले क्षेत्रों में खौफ का पर्याय बने गुलदारों की बढ़ते दखल ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। लगातार गहराते गुलदार-मानव संघर्ष को थामने के मद्देनजर अब भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों की मदद से इनके व्यवहार का अध्ययन कराया जा रहा है, ताकि इसके अनुरूप कदम उठाए जा सकें। इस कड़ी में राज्य में पहली बार राजाजी टाइगर रिजर्व और इससे लगे देहरादून व हरिद्वार वन प्रभागों में 15 गुलदारों पर रेडियो कॉलर लगाए जाएंगे। इस सिलसिले में संस्थान ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मागी है।
गुलदारों की पल-पल की मिलेगी लोकेशन
भारतीय वन्य जीव संस्थान के वैज्ञानिक भी शामिल होंगे। संस्थान के डायरेक्टर धनंजय मोहन का कहना है कि इससे मैन एनिमल कन्फिलक्ट को कम करने में मदद मिलेगी। रेडियो कॉलर लगने से रेजीडेंसियल एरिया में आने के आदि हो चुके इन गुलदारों की पल-पल की लोकेशन मिलती रहेगी। इससे गुलदार के आने-जाने का रास्ता मालूम हो सकेगा। साथ ही ये भी जानकारी मिल पाएगी कि गुलदार किस समय जंगल छोड़ रेजीडेंसियल एरिया की ओर मूव करते हैं। क्या गुलदारों के व्यवहार में कोई चेंज आ रहा है। इससे इस बात का भी अध्ययन किया जा सकेगा।