एफएनएन, गाजियाबाद: कोविड-19 के संकट के वक्त ज्यादातर डाक्टरों और अधिकारियों ने या तो छुट्टी ले ली थी, या फिर इस्तीफा दे दिया। लेकिन उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मोदीनगर की एसडीएम ने इस संकट की घड़ी में एक नया उदाहरण पेश किया। इनका नाम है IAS सौम्या पांडेय। कोरोना काल में एक प्यारी सी बिटिया को जन्म देने के बाद महीनेभर से भी कम समय में जनता की सेवा के लिए वापस ड्यूटी ज्वाइन करने वाली सौम्या पांडेय अपनी नवजात बच्ची के साथ दफ्तर में काम-काज करते हुए नजर आ रही हैं। कोरोनाकाल के दौरान अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सौम्या पांडेय ने डीएम के आदेश पर डिलीवरी के महज 22 दिनों के अवकाश के बाद ही दोबारा आफिस में अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कार्य करनेे लगीं। एक मां और प्रशासनिक अधिकारी की जिम्मेदारियों का ऐसा खूबसूरत तालमेल बिठाने के लिए उनकी काफी प्रशंसा की जा रही है। एसडीएम के पद पर तैनात युवा महिला आईएएस अधिकारी की तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
एक महीने की मैटरनिटी लीव
मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली सौम्या पांडेय की गाजियाबाद में यह पहली नियुक्ति है। उन्होंने इस कोरोना के दौर में एक प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया है। हालांकि, डिलीवरी के बाद उनका मैटरनिटी लीव पर पूरा हक है लेकिन वह महज 22 दिन बाद ही जिलाधिकारी के निर्देश पर उन्होंने फिर से अपने कार्यभार को संभाल लिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में वह अपनी गोद में बच्ची के साथ काम करती नजर आ रही हैं। सौम्या ने बताया कि मुझे बच्ची के साथ दफ्तर आकर काम करने में मेरे परिवार का बहुत सहयोग मिला है। साथ ही गाजियाबाद के जिलाधिकारी का भी बहुत सहयोग मिला। सौम्या पांडेय ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम को मिशन के रूप में लिया है। इसलिए मौजूदा माहौल में अधिकारियों का दफ्तर में रहना जरूरी है।