एफएनएन, पुदुचेरी : पिछले लगभग पांच साल से केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी को उनके पद से हटा दिया गया है। मंगलवार रात राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई। पुदुचेरी की कांग्रेस सरकार किरण बेदी को हटाने की मांग कर रही थी। किरण बेदी ने बुधवार सुबह ट्वीट करके अपने इस कार्यकाल के दौरान सभी के सहयोग पर धन्यवाद दिया है। किरण बेदी ने अपने ट्वीट के साथ वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वह अपना संदेश पढ़कर सुना रही हैं। किरण बेदी ने लिखा है, ‘पुदुचेरी के उप राज्यपाल के रूप में मेरी यात्रा में शामिल पुदुचेरी की जनता और सरकारी अफसरों को धन्यवाद। अपने संदेश में किरण बेदी ने कहा, ‘पुदुचेरी के उप राज्यपाल के रूप में जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव मुहैया कराने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद। मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देती हूं जिन्होंने मेरे साथ काम किया। गहरे संतोष भाव के साथ मैं कह सकती हूं कि ‘टीम राजनिवास’ ने जनता के व्यापक हितों को ध्यान में रखकर पूरी मेहनत से काम किया। किरण बेदी ने आगे कहा, ‘पुदुचेरी का उज्जवल भविष्य यहां की जनता के हाथों में है। एक समृद्ध पुदुचेरी के लिए मेरी शुभकामनाएं।
- कांग्रेस ने खोया बहुमत
एक और विधायक के इस्तीफे के बाद पुदुचेरी की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में बहुमत खो दिया है। कांग्रेस विधायक जॉन कुमार ने मंगलवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही गत एक महीने में वह चौथे विधायक हो गए हैं जिन्होंने विधायक पद छोड़ा है। कांग्रेस नीत गठबंधन के अब 14 विधायक रह गए हैं। इस मौके का लाभ उठाते हुए विपक्ष ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी से इस्तीफा मांगते हुए कहा कि सरकार अल्पमत में है। - किरण बेदी के जाने से BJP को फायदा!
उसकी वजह यह है कि किरण बेदी को हटाए जाने से एक तो कांग्रेस के पास जल्द होने वाले विधानसभा चुनावों में से एक मुद्दा कम हो गया। दूसरा, नई उप राज्यपाल तमिलनाडु की हैं, पुदुचेरी की राजनीति में तमिलनाडु का काफी असर रहता है, इस लिहाज से यह बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित होगा। - क्या है विधानसभा का गणित?
पुदुचेरी की 33 सदस्यीय विधानसभा में अब विपक्ष के सदस्यों की संख्या भी 14 है। सदन में प्रभावी सदस्यों की संख्या के आधार पर बहुमत का आंकड़ा 15 है। मंगलवार को विधानसभा में कांग्रेस के 10, द्रमुक के तीन, ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के सात, अन्नाद्रमुक के चार, भाजपा के तीन (सभी नामांकित एवं मत देने का अधिकार रखते हैं) और एक निर्दलीय विधायक रह गया है। कांग्रेस के चार विधायकों ने इस्तीफा दिया है जबकि एक विधायक को अयोग्य ठहराया गया है।