एफएनएन, दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते श्रम और रोजगार मंत्रालय ने ईपीएफओ अंशदान में तीन महीने के लिए कटौती का फैसला लिया था। जुलाई तक इसे 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया गया था। सरकार के फैसले की अवधि 31 जुलाई को समाप्त हो गई। एक अगस्त यानी आज से पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत आने वाले कर्मचारियों और नियोक्ताओं के लिए योगदान फिर से 12 प्रतिशत हो गया है ताकि कर्मचारियों की टेक होम सेलरी दो प्रतिशत तक बढ़ सके।
जुलाई तक थे ये नियम
नए नियम से लोगों की टेक होम सेलरी तो बढ़ गई थी लेकिन पीएफ कंट्रीब्यूशन कम हो गया था। इस नियम में सरकार ने कर्मचारियों के पैसे को ही पीएफ खाते में रखने के बजाए दूसरे तरीके से आपको नगद दिया है। कर्मचारी के मूल वेतन का 12 प्रतिशत योगदान कर्मचारी करता है, और इतना ही अंशदान नियोक्ता या कंपनी की ओर से भी पीएफ में जमा किया जाता है।