Thursday, July 3, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeआस्था17 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू, जानिए घटस्थापना का महत्व व शुभ मुहूर्त

17 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू, जानिए घटस्थापना का महत्व व शुभ मुहूर्त

एफएनएन, नई दिल्ली: इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 17 अक्टूबर से होगी। वहीं ज्योतिषियों की मानें तो इस बार कलश स्थापना पर विशेष संयोग बन रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि शुरू होती है। इस बार ये तिथि 17 अक्टूबर को है जाे पहला शरद नवरात्रि है और पहले नवरात्रि में ही माता की चौकी की स्थापना की जाती है। इसे नवरात्रि के पहला दिन किया जाता है। शुभ मुहुर्त में घटस्थापना पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, कलश को भगवान गणेश की संज्ञा दी गई है। विजय दशमी 25 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस बार नौ दिनों में ही दस दिनों के पर्व पूरा हो जाएगा। इसका कारण तिथियों का उतार चढ़ाव है। 24 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक अष्टमी है और उसके बाद नवमी लग जाएगी। दो तिथियां एक ही दिन पड़ रही है इसलिए अष्टमी और नवमी की पूजा एक ही दिन होगी। जबकि नवमी के दिन सुबह 7 बजकर 41 मिनट के बाद दशमी तिथि लग जाएगी। इस कारण दशहरा पर्व और अपराजिता पूजन एक ही दिन आयोजित होंगे। कुल मिलाकर 17 से 25 अक्टूबर के बीच नौ दिनों में दस पर्व संपन्न हो रहे हैं।

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 

घटस्थापना शुभ मुहूर्त के दौरान ही करनी चाहिए। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त प्रतिपदा तिथि 17 अक्टूबर की रात 1 बजे से प्रारंभ होगी। वहीं, प्रतिपदा तिथि 17 अक्टूबर की रात 09 बजकर 08 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसके बाद आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, यानी 17 अक्टूबर को घट स्थापना मुहूर्त का समय सुबह 06 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 13 मिनट तक का है। अभिजीत मुहूर्त प्रात:काल 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। नवरात्रि के दौरान कलश का काफी महत्व होता है, इसलिए नवरात्रि के पहले दिन कलश पूजा घर में जरूर रखा जाता है। माना जाता कि किसी भी शुभ कार्य से पहले कलश स्थापना जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से कार्य सफल होता है।

मां के इन नौ रूपों की होती है पूजा

  • 17 अक्टूबर- मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
  • 18 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
  • 19 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा
  • 20 अक्टूबर- मां कुष्मांडा पूजा
  • 21 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पूजा
  • 22 अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
  • 23 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा
  • 24 अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा पूजा
  • 25 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments