एफएनएन, लखनऊ: समाजवादी कुनबे की कलह और भारतीय जनता पार्टी की रणनीति से करीब तीन दशक से उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामीण विकास बैंक में बना यादव परिवार का तिलिस्म टूट गया। उत्तर प्रदेश की राजनीति में सहकारिता के चुनाव पर सदैव समाजवादी पार्टी का ही कब्जा रहा करता था पर जब से सहकारी बैंको के चुनाव शुरू हुए तब से यह पहला अवसर है कि समाजवादी पार्टी के कब्जे से यानी की मुलायम सिंह यादव के परिवार का दबदबा इस चुनाव में खत्म हो गया और भाजपा ने अधिकतर शाखाओं पर अपना कब्जा बना लिया है।
विपक्ष को ग्रामीण बैंक की सिर्फ 19 सीटें मिली
उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामीण विकास बैंकों के चुनाव में बीजेपी ने 323 शाखाओं में 293 पर जीत दर्ज कर सपा के तीन दशक के राजनीतिक वर्चस्व को तोड़ दिया है। विपक्ष को ग्रामीण बैंक की सिर्फ 19 सीटें मिली हैं। जबकि 11 सीटों पर चुनाव नहीं हो सके हैं। 1991 से अब तक सहकारिता के क्षेत्र में सपा और खासकर यादव परिवार का कब्जा हुआ करता था। यहीं नही जब इस बीच मायावती की भी सरकार आई तब भी मुलायम परिवार का ही कब्जा बना रहा। लेकिन पहली बार भाजपा ने अपनी जीत के साथ इस परिवार के दबदबे को खत्म करने का काम किया है।