Thursday, November 21, 2024
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मीरगंज के रक्तदानी लाला रामनरायन गुप्ता: 63 बार कर चुके रक्तदान, सेंचुरी जड़ने की ली है शपथ

वन्दनीय ही नहीं, अनुकरणीय भी है अपना खून देकर अन्जान लोगों की जिंदगियां बचाने का मीरगंज के रक्तदानी लाला रामनरायन गुप्ता का जुनून

गंभीर बीमारियों से घिरे होने के बावजूद कम नहीं हो रहा रक्तदान का जोश, मृत्यु बाद नेत्र, देह दान का भी लिया है संकल्प

परिवार और सैकड़ों रिश्तेदारों-करीबियों को भी बना डाला अपनी तरह रक्तदानी

बेटा ईशु 16, धर्मपत्नी गीता 8, भाई बॉबी-विपिन 12-12 बार और बहनोई अरविंद गुप्ता पांच बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग और दोनों कूल्हों में गंभीर समस्या जैसी तमाम शारीरिक दिक्कतों से जूझते रहने के बावजूद अपना खून देकर भी अन्जान लोगों की जिंदगियां बचाने का उनका जोश-ओ-जुनून और जज्बा सिर्फ प्रशंसनीय ही नहीं, अनुकरणीय भी है। यह ग़ज़ब की शख्सियत हैं उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की मीरगंज नगर पंचायत के निवासी प्रमुख सर्राफा व्यवसायी और जुझारू व्यापारी नेता रामनरायन गुप्ता।‌ फ्रंट न्यूज नेटवर्क के कार्यकारी संपादक गणेश ‘पथिक‘ ने अन्जान लोगों को भी खून की कमी से मरने नहीं देने की उनकी सोच और हौसले को आम नौजवानों तक पहुंचाने और अपनी परवाह किए बगैर दूसरों की मदद के लिए बढ़कर आगे आने को प्रेरित-प्रोत्साहित करने के बड़े और पवित्र उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ‘रक्तदानी लाला’ के नाम से मशहूर रामनरायन गुप्ता का साक्षात्कार लेकर उनसे विस्तार से बात की है। अपने संवेदनशील पाठकों की सेवा में पेश है यह साक्षात्कार-

आपने क्या संकल्प लिया है और क्यों?

मैंने रक्त की कमी से किसी की भी मृत्यु नहीं होने देने की पवित्र सोच को ध्यान में रखकर रक्तदान या संकल्प लिया है। हृदय रोग, डायबिटीज, डेंगू और दोनों कूल्हों के ऑपरेशन जैसी तमाम गंभीर शारीरिक समस्याओं से जूझते हुए भी रक्तदान करने का हमारा संकल्प कमजोर नहीं, बल्कि और भी मजबूत होता रहा है।

अब तक कितनी बार रक्तदान कर चुके हैं और आपका संकल्प क्या है?

जीते जी रक्तदान, मृत्यु बाद नेत्र-शरीर दान-ही मेरा संकल्प है। पिछले लगभग 20 वर्ष से हर साल अमूमन तीन बार रक्तदान करता रहा हूं। मीरगंज नगर पंचायत क्षेत्र में गंगाशील हॉस्पिटल के सौजन्य से कई मेगा ब्लड डोनेशन कैंप और मेगा फ्री हेल्थ कैंप भी लगवाकर सैकड़ों लोगों से रक्तदान और बहुत से निर्धन-जरूरतमंद रोगियों का विशेषज्ञ डॉक्टरों से फ्री चेकअप और उपचार भी करवाता रहता हूं। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी-कई शैक्षिक-सामाजिक-धार्मिक संस्थाएं और नगर के बहुत से व्यापारी भाई तथा आम लोग भी इस नेक मुहिम में हमारा भरपूर साथ देते रहे हैं। मैं अब तक 63 बार रक्तदान कर चुका हूं। आखिरी बार 23 अप्रैल 2023 को रक्तदान किया है। एक कूल्हे का आपरेशन हो चुकने के बाद फिलहाल छह माह तक डॉक्टरों ने जमीन पर बैठने और रक्तदान करने से रोक रखा है। कुछ दिनों बाद दूसरे कूल्हे का भी ऑपरेशन होना है लेकिन इसके बावजूद रक्तदान तो करना ही है। मैंने अपने जीवन में ‘रक्तदान का शतक’ लगाने का संकल्प लिया है और ईश्वर तथा शरीर ने साथ दिया तो कोई भी परेशानी मुझे मेरे इस संकल्प को पूरा करने से रोक नहीं पाएगी। मृत्यु के बाद नेत्रदान और शरीर दान का संकल्प पत्र भी भरकर जमा करवा चुका हूं।

आपसे प्रेरणा लेकर और कौन-कौन रक्तदान कर चुका है?

मुझे खुशी है कि 100 बार रक्तदान के मेरे इस पवित्र संकल्प को सच कर दिखाने की मुहिम में मेरी धर्मपत्नी भाजपा महिला मोर्चा जिला महामंत्री गीता, बेटे ईशु समेत पूरे परिवार ने हमेशा ही साथ दिया है और निरंतर हौसला बढ़ाया ही है। मुझे यह बताते हुए अपार प्रसन्नता और गर्व की अनुभूति हो रही है कि मेरे ही पदचिह्नों पर चलते हुए मेरी धर्मपत्नी गीता अब तक आठ बार और बेटा ईशु 16 बार रक्तदान कर चुके हैं। भाई बॉबी और विपिन गुप्ता भी 12-12 बार और बहनोई अरविंद गुप्ता पांच बार रक्तदान कर चुके हैं। परिवार और समाज के अन्य अनेक लोगों को भी रक्तदान के लिए निरंतर प्रेरित-प्रोत्साहित करता रहता हूं। नगर के सैकड़ों युवक-युवतियां और व्यापारी भी मुझसे प्रेरित होकर अब नियमित रूप से रक्तदान कर रहे हैं और दूसरों से भी ब्लड डोनेट करवा रहे हैं।

सामाजिक क्षेत्र में आपकी सक्रियता?

मैं मीरगंज सर्राफा मंडल और मीरगंज उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष पद का दोहरा दायित्व पिछले कई वर्षों से लगातार आमराय से संभाल रहा हूं। कुछ अरसा पहले सर्वे-छापा के नाम पर व्यापारियों के आर्थिक उत्पीड़न की शिकायत पर मैं तत्कालीन खाद्य एवं विपणन निरीक्षक की कार के आगे सड़क पर लेटकर अन्याय-भ्रष्टाचार के खिलाफ सामूहिक विरोध प्रदर्शन और गुस्से का इज़हार भी कर चुका हूं। हमारे तेवरों को भांपकर उक्त अधिकारी को अपने रवैये पर माफी तक मांगनी पड़ी थी। मेरे जुझारू-संघर्षशील व्यक्तित्व से प्रभावित होकर कुछ वर्ष पहले मुझे संपूर्ण वैश्य सेना के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी भी प्रदान की गई है। व्यापक जनहित के उद्देश्य से वैश्य-व्यापारी समाज को संगठित-एकजुट करने की कोशिशें भी निरंतर करता रहता हूं। हमारे नेतृत्व में मीरगंज उद्योग व्यापार मंडल और मीरगंज सर्राफा मंडल तथा व्यापारियों-आमजन द्वारा के नवनिर्मित मीरगंज थाना और पुलिस क्षेत्राधिकारी कार्यालय, पौराणिक शिव मंदिर एवं सभागार के निर्माण-जीर्णोद्धार-सौंदर्यीकरण कार्य में भी आर्थिक सहयोग किया गया है। ग्रीष्मकाल में धार्मिक पर्वों पर नगर में शीतल जल के प्याऊ और ठंडे-मीठे शरबत की सबीलें भी लगवाए जाते रहे हैं। निस्वार्थ समाजसेवा और व्यापारियों की एकजुटता ही हमारे व्यापारी संगठन का मूल और आधारभूत उद्देश्य है।

कभी राजनीति में जाने के बारे में नहीं सोचा?

हमने रक्तदान या समाज सेवा कार्य कभी स्वार्थपूर्ति के उद्देश्य से नहीं किए हैं। राजनीति में जाने के बारे में कभी सोचा भी नहीं है। हां, पत्नी जरूर कई वर्षों से समाजसेवा-राजनीति क्षेत्र में सक्रिय हैं और वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा की जिला महामंत्री हैं। हां, अगर समाज ने चुनाव लड़ने के लिए आगे बढ़ाया और विजय मिली तो जन कल्याण और क्षेत्रीय विकास के कार्य अपनी पूरी क्षमता, पारदर्शिता और निष्पक्षता से अवश्य करवाऊंगा।

अब तक किन-किन संस्थाओं ने आपको सम्मानित किया है?

हमारे सामाजिक कार्यों और जुझारू कार्यशैली से प्रभावित होकर तीन साल पहले हमें संपूर्ण वैश्य सेना के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पद से नवाजा गया था।

निरंतर रक्तदान करने पर गंगाशील चैरिटेबल ट्रस्ट और आईएमए द्वारा भी हमें आकर्षक शील्डें प्रदान कर सम्मानित किया जा चुका है। तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉ. दीपशिखा अहिबरन सिंह भी हमें सम्मानित कर चुकी है।

थाना परिसर में समारोह में तत्कालीन एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान, एसपी देहात मानुष पारीख, थाना प्रभारी कुंवर बहादुर सिंह और कई अन्य उच्चाधिकारियों ने फूलमालाएं पहनाकर, शॉल उढ़ाकर अभिनन्दन किया था। होली मिलन समारोह में भी सम्मानित होने का अवसर मिल चुका है। प्रसिद्ध शायर अकील नोमानी ने प्रतिष्ठान पर आकर सम्मानित किया था।

अन्तरराष्ट्रीय वैश्य महा सम्मेलन की ओर से बरेली वैश्य रत्न सम्मान से अलंकृत किया गया है। लेकिन, सच कहूं तो अपने खून की चंद बूंदें देकर मरते लोगों की जिंदगियां बचाने से बड़ा सुख, संतोष और सम्मान मेरी दृष्टि में और कुछ भी नहीं है।

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