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जर्जर पटरों वाले आधा दर्जन से ज्यादा पुल दशकों से बने हैं पब्लिक के लिए जानलेवा, जिम्मेदार बेफिक
गणेश ‘पथिक, मीरगंज (बरेली)। छोटी-बड़ी पौन दर्जन नदियों वाले बरेली के मीरगंज विधानसभा क्षेत्र में आधा दर्जन से ज्यादा लकड़ी के पटरों से बने कामचलाऊ पुल पिछले कई दशकों से इलाके की भद्दी पहचान बनकर इलाकाइयों की जान को सांसत में डाले हुए हैं। दर्जनों गांवों के हजारों लोग इन्हीं खतरनाक पुलों से होकर खेती-बाड़ी, हाट-बाजार और दीगर जरूरी काम निपटाते हैं। बरसात के चार-पांच महीने पुलों पर आवागमन बंद रहने की स्थिति में हजारों क्षेत्रवासियों को 20-25 किमी तक का लंबा चक्कर काटकर मीरगंज, मिलक और बरेली आना-जाना पड़ता है।गांव नरखेड़ा के पास भाखड़ा नदी के घाट पर लकड़ी के पुराने टूटे पटरों का ऐसा ही खतरनाक पुल है। इन टूटे पटरों को देखकर ही डर लगता है। पांव रखते ही कमजोर पटरे बुरी तरह हिलने लगते हैं और लगता है कि गहरी नदी में अब गिरे… तब गिरे। लेकिन आप शायद यकीन न करें कि सिर्फ पैदल औरतें-मर्द-बच्चे ही नहीं, बल्कि गांव के मवेशी और मोटरसाइकिलों, साइकिलों वाले भी इन्हीं टूटे पटरों पर जिंदगी का सर्कस खेलते हुए आते-जाते हैं। आसपास के दर्जनों गांवों के अलावा शाही, नारा फरीदापुर, रम्पुरा, लमकन समेत चार दर्जन से ज्यादा गांवों के लोगों भी मीरगंज-शाही की साप्ताहिक हाट-बाजार और रोजमर्रा के जरूरी कामकाज निपटाने के वास्ते जान जोखिम में डालकर इस खतरनाक पुल से गुजर रहे हैं। और, यह सिलसिला पिछले दो-चार साल से नहीं, बल्कि कई दशक से जारी है। नरखेड़ा पटरी पुल से गुजरने वाले वाहन चालकों से यहां मुस्तैद ठेकेदार और उसके कारिंदे दस से 20 रुपये तक का महसूल (किराया) भी बाकायदा वसूल रहे हैं। टूटे पटरों की सालों तक मरम्मत तक न कराने के बावजूद मनमानी महसूल वसूली को लेकर आएदिन ठेकेदार के कारिंदों और राहगीरों-वाहन चालकों में गालीगलौज, मारपीट भी हो जाती है।
टूटे पटरों की मरम्मत तक नहीं कराते और वसूलते हैं मनमाना किराया, झगड़े आम
फिसड्डी मीरगंज के विकास को य़ोगी सरकार ने खोला खजाना
विकास के मामले में फिसड्डी मीरगंज विधानसभा क्षेत्र के तेज चहुंमुंखी विकास के वास्ते हमारी सरकार ने खजाने का मुंह खोल दिया है। हमने अपने कार्यकाल में तेजी से काम कराना शुरू किया है। रामगंगा गोरा लोकनाथपुर घाट पर नवनिर्मित पुल का अगले माह दिसंबर में लोकार्पण कराने की पूरी तैयारी है। इसी के साथ मीरगंज-सिरौली मार्ग पर रामगंगा के बाबा कैलाश गिरि मढ़ी घाट पर भी 78 करोड़ की अनुमानित लागत से बनने वाले पुल का शिलान्यास भी कराया जाएगा। वसई-धर्मपुरा की गौंटिया के बीच कुल्ली नदी पर बने लकड़ी के पटरों के पुल की जगह ढाई करोड़ रुपये की लागत से छोटा पुल बनवाने के प्रस्ताव को शासन से हरी झंडी मिल गई है। ऐसा ही पुल नवोदय विद्यालय रफियाबाद और ठिरिया ठाकुरान के बीच भी शंखा नदी घाट पर बनवाया जाएगा। इलाके की सभी छोटी पुलियां भी प्राथमिकता से बनवाई जा रही हैं।