एफएनएन, देहरादून : ऐसे में जब देश में कोरोना के मामलों में कमी आ रही थी ओमिक्रोन की दस्तक ने एक नई चिंता पैदा कर दी है। राष्ट्रीय कोविड सुपरमाडल समिति के सदस्यों ने साल की शुरुआत में तीसरी लहर की भविष्यवाणी कर दी है। समिति के प्रमुख विद्यासागर का कहना है कि देश में भले ही देश में कोरोना की तीसरी लहर आए लेकिन अधिकांश लोगों में मौजूद प्रतिरक्षा के कारण यह दूसरी लहर की तुलना में हल्की होगी। अगले साल की शुरुआत में इसके आने की आशंका है।
उन्होंने एएनआई से कहा कि मौजूदा वक्त में हम कोरोना के लगभग 7,500 मामले देख रहे हैं लेकिन एक बार यदि ओमिक्रोन ने डेल्टा वैरिएंट को विस्थापित करना शुरू किया तो प्रति दिन मामले बढ़ जाएंगे। हैदराबाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रोफेसर विद्यासागर का कहना है कि इसकी संभावना कम ही है कि देश दूसरी लहर की तुलना में अधिक दैनिक मामलों को दर्ज करेगा।
विद्यासागर ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि सरकार ने पहली मार्च से ही टीकाकरण शुरू कर दिया था। उस समय डेल्टा वैरिएंट ने दस्तक दी थी। इसलिए डेल्टा वैरिएंट ने एक ऐसी आबादी को मारा जो टीकाकरण से अछूती थी। एक सीरो-सर्वेक्षण के अनुसार अभी भी देश में एक छोटा अंश बचा है जो डेल्टा वायरस के संपर्क में नहीं आया है। देश में 75 प्रतिशत से 80 प्रतिशत (पूर्व एक्सपोजर) की सीरो प्रविलेंस है। काफी हद तक टीकाकरण भी हुआ है।
यही कारण है कि कोरोना की तीसरी लहर के कम घातक होने की संभावना है। मालूम हो कि एक दिन पहले ही सरकार ने ओमिक्रोन के प्रति लोगों को सावधान करते हुए कहा था कि इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। भले ही इसके संक्रमितों में हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं लेकिन यह तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव का कहना था कि यदि मामले तेजी से बढ़ते हैं तो स्वास्थ्य ढांचे पर बोझ बढ़ेगा इसलिए बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है।