एफएनएन, नई दिल्ली: जया प्रदा अपने जमाने की बेहद खूबसूरत एक्ट्रेसेस में गिनी जाती थीं। जया प्रदा ने अपपने फिल्मी करियर में महज 50 ही फिल्में की हैं। 80 के दशक में जया ने अपने काबिलियत और खूबसूरत के बल पर बालीवुड के टाप हाइ पेड एक्ट्रेसेस की लिस्ट में शुमार थी। हालांकि, करियर के बुलंदी के बावजूद उनकी निजी जिंदगी बेहद गमगीन रही।
छोटी उम्र से फिल्मी करियर शुरूआत
जया प्रदा का असली नाम ललिता रानी था। जया प्रदा ने फिल्मों में आने के बाद अपना नाम बदल लिया था। जया आंध्रप्रदेश के गांव राजमुंदरी की रहने वाली थी जिनका जन्म 3 अप्रैल 1962 को हुआ था। ललिता रानी की मां एक क्लासिकल डांसर थी जो जया को भी डांस सिखाया करती थी। 15 वर्ष की उम्र में जया ने साउथ इंडस्ट्री की भूमी कोसम फिल्म में महज मिनटों का परफोर्मेंस किया था जिसने लोगों को काफी प्रभावित किया था। जया के इस काम के बाद तो जैसे डायरेक्टर और प्रोड्यूसर की पहली पसंद जया प्रदा हो गई हों। इस बीच उन्हें प्यार हुआ और प्यार होने बाद भी वह अकेले रहने को मजबूर हो गई।
बुरे वक्त में सपोर्ट सिस्टम बने श्रीकांत
दरअसल, जया प्रदा बुलंदियों पर चढ़ने के बाद सबसे ज्यादा सैलरी लेने वाली एक्ट्रेस बन गई हैं। इसके बाद, हाइ पेड सैलरी वाली जया प्रदा पर इनकम टैक्स के निशाने पर आ गई थी, जिसकी वजह से उनकी निजी जिंदगी से लेकर उनका फिल्मी करियर भी दांव पर लग गया था। इन सब चीजों ने जया प्रदा को इमोशनली तोड़ कर रख दिया था, लेकिन इस कहानी में एंट्री होती है फिल्म निर्माता श्रीकांत नाहटा की। श्रीकांत ने जया के बुरे वक्त में बहुत साथ दिया, वह उनका सपोर्ट सिस्टम बन गए।
तीन बच्चों के पिता के प्यार में पागल
श्रीकांत के आने से जया प्रदा को इमोशनली काफी सपोर्ट मिला। श्रीकांत पहले से शादी-शुदा और तीन बच्चों के पिता थे। बावजूद इसके, जया प्रदा श्रीकांत के प्यार में पागल थी। बिना देर किए दोनों ने 1986 में शादी कर ली, वह भी बिना तलाक लिए। श्रीकांत ने अपनी पत्नी को कभी तलाक नहीं दिया और न ही वह जया के साथ रहे। शादी के बाद भी जया प्रदा अकेले रह गई। जया को न ही पति का सुख मिला और न ही बच्चे का। करियर का ग्राफ भी गिरता चला गया। जया प्रदा ने शादी के बाद भी काम किया लेकिन उनका करियर 1988 के बाद खराब होता चला गया। शादी के 33 साल बाद भी जया प्रदा की अपनी कोई संतान नहीं है। उनकी जिंदगी उदासी में जीने लगी तो उन्होंने अपनी बहन के बेटे सिद्दू को गोद लिया है।
राजनीति में बनाया दबदबा
फिल्मी करियर से चोट खाने के बाद जया ने राजनीति में कदम रखा। साल 1994 में तेलुगू देशम पार्टी से जया जुड़ी। 1996 में जया प्रदा राज्यसभा सांसद बन गईं, लेकिन जब उन्हें दोबारा राज्यसभा के लिए नामित नहीं किया गया तो उन्होंने नाराज होकर पार्टी छोड़ दी और 2004 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं। समाजवादी पार्टी से वह रामपुर से दो बार सांसद बनीं। इसके बाद, जया ने सपा छोड़ भाजपा में शामिल हो गईं, और रामपुर से भाजपा के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा, लेकिन वहां से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।