एफएनएन हाथरस: उत्तरप्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित लड़की के साथ जो हुआ उससे ज्यादा भयानक और हैवानियत भरा कुछ नहीं हो सकता। बिना किसी रीति रिवाज के साथ पुलिस ने पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान पीड़िता की मां पुलिस के आगे गिड़गिड़ाती। घरवाले गुहार लगाते रहे। वो भीख मांगते रहे कि 15 मिनट के लिए बेटी के आखिरी दर्शन कर लेने दिए जाएं, लेकिन परिवार वालों की एक न सुनी गई और जबरन पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुखाग्नि भी पुलिस वालों ने ही दी। इसको लेकर गांव में तनाव व्याप्त है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाथरस जिले की 19 साल की दलित लड़की का शव दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार की रात 12ः50 बजे उसके पैतृक गांव लाया गया। एंबुलेंस के पहुंचते ही लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। नाराज ग्रामीण सड़क पर ही लेट गए। क्या महिला, क्या पुरूष हर किसी की पुलिसवालों से नोकझोंक होने लगी।
पुलिस ने खुद ही चिता को लगा दी आग
लड़की की माता और पिता ने कहा कि हम अपनी बच्ची की आखिरी विदाई करना चाहते हैं। करीब 200 की संख्या में पुलिसवाले घरवालों की मांग ठुकराते हुए लाश को रात 2 बजकर 20 मिनट पर अंतिम संस्कार के लिए ले गए। पुलिसवालों ने अंतिम संस्कार के वक्त घेरा बना लिया। किसी को चिता के पास जाने तक नहीं दिया। करीब 25 मिनट बाद खुद ही पुलिस ने चिता को आग लगा दी।
दलित समाज के लोगों ने बाजार को किया बंद
आक्रोशित दलित समाज के लोगों ने हाथरस में बाजार को बंद करा दिया। दलित समाज पीड़िता के परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया और इस दौरान पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। उधर, सफाईकर्मियों ने भी काम बंद करते हुए हड़ताल शुरू कर दी है। सफाई मजदूर संघ के लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
हाथरस जिले के चंदपा थाने के गांव में 14 सितंबर की सुबह 19 वर्षीय लड़की के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था। परिवार वालों का आरोप है कि सुबह साढ़े नौ बजे के करीब चार दबंगों ने लड़की के साथ गैंग रेप और दरिंदगी की। घटना के 9 दिन बाद लड़की होश में आई तो इशारों से अपना दर्द बयान किया।