- देवीधुरा मेले में फलों की भी हुई बारिश, इस बार कोई घायल नही
एफएनएन, चंपावत : रक्षाबंधन पर देवीधुरा में बग्वाल मेले में योद्धाओं ने पांच मिनट तक एक दूसरे पर पहले फल और फूल फिर परंपरा को निभाने के लिए पत्थर बरसाए। खोलीखांड दूबचौड़ मैदान में चार खाम और सात थोकों के रणबांकुरों ने मां के जयकारे लगाए और परिक्रमा की। पहले लमगडिय़ा खाम और चम्याल खाम के योद्धा मैदान में पहुंचे और उसके बाद वालिक खाम और अंत में गहड़वाल खाम के रणबांकुरे मैदान में उतरे। लमगडिय़ा और वालिक खाम के योद्धा एक तरफ थे तो दूसरी तरफ गहड़वाल खाम और चम्याल खाम के योद्धाओं ने मोर्चा संभाला। पुजारी का आदेश मिलते ही 11 बजकर 25 मिनट पर दोनों ओर से फल और फूल फेंके जाने लगे। 11:30 बजे पुजारी ने शंखनाद कर बग्वाल रोकने का आदेश दिया। इस दौरान अंतिम क्षणों में दोनों तरफ से आंशिक रूप से पत्थर भी चले। पांच मिनट तक चली बग्वाल के बाद दोनों तरफ के योद्धाओं ने एक दूसरे की कुशल क्षेम पूछी।
माँ के गगनभेदी जयकारे भी लगे
बग्वाल के लिए मैदान में पहुंचने से पूर्व वालिक, चम्याल, लमगडिय़ा तथा गहड़वाल खामों के अलावा सात थोकों के जत्थे मां के गगनभेदी जयकारों के साथ तरकश में नाशपाती के फल तथा हाथ में फर्रे (बांस से बनी ढ़ाल) से सुसज्ज्ति होकर मां का जयकारा लगाना शुरू कर दिया। मंदिर की परिक्रमा के बाद देवीधुरा बाजार की ओर गहड़वाल खाम व चम्याल खाम तथा मंदिर की ओर वालिक व लमगडिय़ा खाम के लड़ाके युद्ध के लिए तैयार थे। देखते ही देखते मां बाराही व महाकाली के जयघोष के साथ दोनों ओर से फलों की बौछार शुरू हो गई।