
फ्रंट न्यूज नेटवर्क ब्यूरो, बरेली। साहित्यिक संस्था लेखिका संघ बरेली के तत्वावधान में इंद्रानगर स्थित रामेश्वरम अस्पताल के सभागार में कवयित्री मीरा मोहन के संयोजकत्व में सरस कवि गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि-शायर हिमांशु श्रोत्रिय ‘निष्पक्ष’ ने की तथा मुख्य अतिथि डॉ. अखिलेश गुप्ता रहे।

शुभारम्भ डॉ. किरण कैंथवाल की सरस्वती वंदना से हुआ। वरिष्ठ कवि-गीतकार कमल सक्सेना ने अपनी ग़ज़ल पढ़ते हुए कहा कि,,,
मुस्कराकर दिल हमारा तोड़ना अच्छा लगा।
तोड़ना दिल और फिर मुंह मोड़ना अच्छा लगा।
कोशिशें की थीं मगर कुछ हाथ न आया कमल। काटता था घर तन्हा घर छोड़ना अच्छा लगा।
इस ग़ज़ल के हर शेर पर सभी ने जोरदार तालियाँ बजायीं।
हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष ने अपनी ग़ज़ल कुछ इस अंदाज में सुनाई और खूब तालियां बटोरीं-,,,
गज़ब का ज्ञान वेदों की पढ़ाई से निकलता है। जगत में सच सनातन की दुहाई से निकलता है।
कहीं केशव कहीं शंकर कहीं देवी निकलती हैं, खुदाई का करिश्मा हर खुदाई से निकलता है।,
संस्था की अध्यक्ष दीप्ती पांडे नूतन ने अपनी कविता पढ़ी जिस पर सभी ने तालियाँ बजाईं।
ज़िन्दगी तुझको हम न समझ पाये। थामे हाथ कोहरे का ग़म घर चले आये।
सचिव डॉ. किरण कैंथवाल ने अपना सुंदर गीत पढ़ा,,
तू जो कह दे आसमां से चाँद लाऊं मैं। तू जो कह दे थोड़ी देर और ठहर जाऊं मैं।,
डॉ अखिलेश गुप्ता ने बेटियों को समर्पित गीत पढ़ा.।
मीरा प्रियदर्शिनी ने अपनी कविता कुछ इस तरह पढ़ी,,,तेरे हुस्न की बारिश में भीगे हैँ हम। तेरी आँखों के साहिल पे ठहरे हैँ हम।
अंशु गुप्ता ने गीत पढ़ते हुए कहा,,,कल रात मेरी चौखट आयी, बंद पलकों पर सज नहीं पाई।
चाँद सितारे ताक रहे, जुगनू सारे जाग रहे। बिन आहट वह सकुचाई, कल रात मेरी चौखट आई।
इसके अतिरिक्त मीरा मोहन, सुधीर मोहन, चित्रा जौहरी, मुन्नी देवी और शैलजा मिश्रा ने भी सरस काव्य पाठ किया।
कवि गोष्ठी का सफल संचालन गीतकार कमल सक्सेना ने किया। गोष्ठी के समापन पर संयोजक मीरा मोहन ने सभी का आभार व्यक्त किया।





