बरेली-सितारगंज फोरलेन भूमि अधिग्रहण घोटाला
एफएनएन ब्यूरो, पीलीभीत। बरेली-सितारगंज हाईवे के भूमि अधिग्रहण के मुआवजा वितरण में बड़े घोटाले के खुलासे के बाद अब पीलीभीत जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। तय मुआवजे से ज्यादा रकम का भुगतान लेने पर साधना सिंह सहित 12 भूदाताओं के बैंक खाते सिटी मजिस्ट्रेट/भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने फ्रीज करवा दिए हैं। सभी को रिकवरी की रकम फौरन ट्रेजरी में जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी कराए हैं।
बरेली-सितारगंज फोरलेन निर्माण की मंजूरी के बाद भूमि अधिग्रहण के लिए राजस्व विभाग द्वारा सर्वे किया गया। फोरलेन प्रस्तावित होते ही लखनऊ, बरेली, रामपुर, खटीमा के कई व्यवसायियों ने स्थानीय किसानों से उनकी जमीनों का सौदा भी कर लिया।
रातों रात औने-पौने दामों पर जमीन खरीद ली गई। शासन से मोटा मुआवजा भी ले लिया गया। अब जिला स्तर पर भी सघन छानबीन की जा रही है। बाकी किसानों को मुआवजा देने से पहले जमीन के दस्तावेज बारीकी से चेक कराए जा रहे हैं।
सभी 12 भूदाताओं को रिकवरी के नोटिस जारी
जांच में खुलासा हुआ है कि लखनऊ की साधना सिंह को भूमि का सबसे अधिक मुआवजा मिला है। उनको दूसरे अंश का भी 24 लाख रुपये मुआवजा मिला है। साधना के अलावा 11 अन्य भूस्वामी भी अधिक मुआवजा लेने वालों में शामिल हैं। जिला भूमि अध्यापित अधिकारी विजयवर्धन तोमर की ओर से इन सबको अधिक ली गई रकम फौरन जमा करवाने के नोटिस जारी किए गए हैं। साधना सिंह को उनके बैंक खाते में दर्ज मोबाइल नंबर पर नोटिस तामील कराया गया है।
खाते फ्रीज कराने के लिए बैंक मैनेजरों को भेजी चिट्ठी
साधना सिंह सहित सभी 12 लोगों के बैंक खातों में जमा रकम की पूरी जानकारी भी संबंधित शाखा प्रबंधकों को पत्र भेजकर मांगी गई है। साथ ही उनसे ये सभी खाते फौरन फ्रीज करने के लिए भी कहा गया है।
ये बोले जिला भूमि अध्याप्ति अधिकारी
“लखनऊ की साधना सिंह ने नियम विरुद्ध सर्वाधिक 24 लाख रुपये मुआवजा वसूला है। 11 अन्य भूस्वामियों ने भी एक से सवा लाख रुपये अधिक रकम वसूली है। इन सभी के खातों के संचालन पर रोक (अकाउंट फ्रीज) लगवाई गई है। सभी को नोटिस भी जारी किए गए हैं। अन्य सभी भूदाताओं की भी गहनता से जांच कराई जा रही है।-विजय वर्धन तोमर, सिटी मजिस्ट्रेट/जिला भूमि अध्याप्ति अधिकारी, पीलीभीत”