एफएनएन ब्यूरो, बरेली। डेलापीर मंडी में गुरुवार आधी रात के बाद हुए भयावह अग्निकांड में 28 दुकानें जलने से तो करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ ही, कई घंटे तक आग की ऊंची-ऊंची लपटें उठने और दुकानों में रखे एलपीजी सिलेंडर और इंवर्टर-बैटरियां फटने से लगातार हो रहे तेज धमाकों से शहर का बहुत बड़ा इलाका रात में कई घंटे तक गूंजता रहा। दूर-दूर तक लोगों में भारी दहशत फैल गई। भीषण अग्निकांड में आढ़तियों और व्यापारियों का करोड़ों का नुकसान होने का अनुमान है। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी अग्निशमन विभाग की कई दमकलें और दर्जनों कर्मचारी रात 2 दो बजे के बाद आग पर काबू पा सके।
जानकारी के अनुसार बरेली डेलापीर स्थित फल मंडी में गुरुवार रात 12 बजे के बाद अचानक आग लग गई इससे सी ब्लॉक में तीन सेट के नीचे स्थित फलों की 28 दुकानों में रखा करोड़ों रुपये कीमत या माल जलकर राख हो गया। आग के चलते गैस सिलेंडर और इनवर्टर की बैटरी फटने से तेज धमाके भी हुए। फायर ब्रिगेड की कई दमकलें 3 घंटे बाद आग बुझाने में सफलता हासिल कर पाईं।
व्यापारियों ने बताया कि कल पांच सितंबर दिन गुरुवार को रात लगभग 12 बजे डेलापीर फल मंडी की आढ़तों में अचानक आग लग गई। इस दौरान व्यापारियों और आसपास खड़े लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया मगर आढ़त पर प्लास्टिक की (क्रेटें) पेटियां होने के कारण सफलता नहीं मिली। आग इतनी विकराल थी कि व्यापारी दहशत में आ गए। दो घंटे तक आग की ऊंची लपटें व्यापारियों को भयभीत कराती रहीं। कई सिलेंडर और बैटरियां फटने से हुए धमाकों से वहां हड़कंप मच गया। रात दो बजे के बाद आग पर काबू पाया जा सका। व्यापारियों ने बताया कि सी ब्लॉक में टीन शेड के नीचे उनकी आढ़तें संचालित होती हैं। पीछे की ओर पक्की दुकानें बनी हुई है। इन्हें कारोबारी गोदाम के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। कई प्रदेशों के मजदूर यहां काम करते हैं। इन दिनों मौसमी नारियल, सेब, पपीता, अनार, केला आदि की बाजार में आवक है। सभी व्यापारियों की आढ़तें भरी हुई थीं। रात भर फलों के वाहनों का मंडी में आना-जाना बना रहता है।
रात करीब 12 बजे सभी लोग काम में व्यस्त थे। तभी अचानक टिन शेड के नीचे आग लगने की जानकारी हुई। सबने मिलकर आग बुझाने की कोशिश भी की लेकिन आग की लपटें काबू में आने के बजाय विकराल होती चली गईं। जिसने भी आग के बारे में सुना वह मंडी की ओर दौड़ पड़ा। मगर इसी बीच जलती दुकानों में धमाके भी होने शुरू हो गए। ये धमाके दुकानों में रखे गैस सिलेंडरों और इन्वर्टरों और बैटरियों के आग में फटने की वजह से हो रहे थे । इन धमाकों से लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना पर सीओ तृतीय अनीता चौहान, इज्जत नगर, बारादरी, कोतवाली और प्रेम नगर थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। तुरंत फायर ब्रिगेड की दमकलें बुलवाकर आग बुझाने का प्रयास किया।
फायर ब्रिगेड के अमले की लेटलतीफी पर आक्रोश-फल व्यापारियों का कहना है कि आग लगते ही उन लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दे दी थी। मगर दमकल की गाड़ी साढ़े 11:30 के बाद पहुंची। एक गाड़ी होने के चलते वह भी आग पर कोई काबू नहीं पा सकी। अगर एक साथ चार पांच गाड़ियां भेजी जाती तो आग पर काबू पा लिया जाता। उन लोगों को व्यापारियों को इतना बड़ा नुकसान नहीं होता।
दस्तावेज, रुपए भी जले- व्यापारियों का कहना है कि दूसरे प्रदेशों से यहां रहकर काम करने वाले लोग आढ़त के गोदाम में रहते हैं और अपने रुपए समेत अन्य समान वहीं रखते हैं। हिसाब किताब भी वहां रहता है। मगर इस आग से वहां रखी नगदी समेत सारा सामान जल गया। उन लोगों ने इस हादसे में करोड़ों रुपए का नुकसान होने की बात कही है।
हफ्ते भर का स्टॉक जला– सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष शुजा उर रहमान ने बताया कि फल मंडी में एक सप्ताह का स्टॉक हमेशा रहता है। वह सभी जल गया। आढ़ती सलीम का कहना है कि यदि आग लगने की सूचना पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जल्दी आतीं तो कुछ सामान और दुकानें बच सकती थीं।
मंडी में नहीं थे आग बुझाने के इंतजाम- सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष शुजा उर रहमान का कहना है कि बरेली की इस सबसे बड़ी मंडी में आग बुझाने के कोई उपाय नहीं है। पिछले करीब 10 साल से वह लगातार मंडी समिति से इस संबंध से मांग भी करते आए हैं। लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। आज मंडी में आग बुझाने के का कुछ भी उपाय होता तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। नवीन फल एवं सब्जी आढ़ती वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष आढ़ती शरीफ का कहना है की मंडी में टैंक आदि बनाकर आग बुझाने की व्यवस्था की गई होती तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता।
बाहर ही रोके गए फलों के वाहन-मंडी में रात भर फलों के वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। हादसा होने के बाद बाहर से आने वाली सभी गाड़ियों को मंडी के बाहर ही रोक दिया गया। मंडी अधिक संख्या में लोग जुटे रहे।
मंडी समिति से दिलाई जाएगी मदद _ सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है की मंडी में अधिकांश लोगों ने दुकानों का किसी तरह का कोई बीमा भी नहीं करा रखा है। फल मंडी में तो किसी ने भी इंश्योरेंस नहीं कराया हुआ है। ऐसे में कारोबारियो का करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने नुकसान की भरपाई के संबंध में मंडी समिति के सचिव संतोष यादव से बात की है। संतोष यादव ने मंडली समिति की ओर से पीड़ित दुकानों और आढ़तियों को नियम अनुसार मदद दिलाने का आश्वासन दिया है।