Saturday, February 15, 2025
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बीडीए राम वाटिका में लगवाएगा भगवान राम की 51 फुट ऊंची प्रतिमा

बरेली में झुमका चौराहे से इन्वर्टिस चौराहे तक रिंग रोड और दो रूटों पर मेट्रो रेल की कबायद भी तेज, ऐतिहासिक चौधरी तालाब का सौंदर्यीकरण भी कराया जाएगा

बहरहाल स्काई वॉक और हाइड्रोलिक वाहन पार्किंग जैसी स्मार्ट सिटी की ज्यादातर परियोजनाएं जनाकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर पाई हैं

     ==बरेली से निर्भय सक्सेना के साथ गणेश ‘पथिक’==

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) बरेली की नवविकसित रामगंगा नगर कॉलोनी स्थित राम वाटिका में वनवासी भगवान राम की 51 फुट ऊंची मूर्ति लगवाएगा। इसके साथ ही अब दूसरे चरण में रामगंगा नगर 3-4 सेक्टर की आवासीय योजना के भूखंड आवंटन की दिशा में भी तेजी से कार्य चल रहा है।  मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल के निर्देशन में बरेली में दो रूटों पर मेट्रो रेल संचालन, झुमका चौराहे से इनवर्टिस यूनिवर्सिटी तक रिंग रोड निर्माण और प्रमुख चौराहों पर भगवान भोलेनाथ के डमरू, शंख आदि के प्रतीक भी लगवा रहा है ताकि नाथ नगरी की थीम को साकार किया जा सके।

प्रस्तावित नाथ नगरी पथ (कारिडोर) के लिए बीडीए उपाध्यक्ष मणिकण्डन ए. के साथ नगर निगम और पर्यटन, लोक निर्माण एवं बिजली विभाग के अधिकारियों ने भी गत दिवस टीबरी नाथ मंदिर से अलखनाथ मंदिर तक पैदल भ्रमण किया और ऐतिहासिक चौधरी तालाब का सौंदर्यकरण करवाने के भी साफ संकेत दिए।

बताते चलें कि बीडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष जी डी माहेश्वरी एवं केबी अग्रवाल ने अपने कार्यकाल में सौ फुटा रोड, संजयनगर बाईपास रोड एवं मिनी बाईपास रोड जैसी सौगातें दी थीं। अब 25 साल बाद 28 किलोमीटर लंबे रिंग रोड को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया लोक निर्माण विभाग द्वारा शुरू की गई है। प्रस्तावित रिंगरोड बरेली-रामपुर-दिल्ली फोरलेन पर झुमका चौराहे से इनवर्टिस यूनिवर्सिटी फरीदपुर के पास लखनऊ हाईवे को जोड़ेगा। रिग रोड बनने के बाद बरेली महानगर में भारी वाहनों का दबाव काफी कम हो सकेगा।

इसी रिंग रोड पर बीडीए की ट्रांसपोर्ट नगर योजना भी प्रस्तावित है । लोक निर्माण एवं पर्यटन विभाग भी इस योजना पर कार्य कर रहा है। बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मणिकण्डन ए. ने बताया कि बरेली में अब मेट्रो रेल के लिए निर्माण एजेंसी राइटस द्वारा डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) अति शीघ्र मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। मेट्रो रेल परियोजना के दोनों रूटों की इस डीपीआर की शासन से स्वीकृति मिलने के बाद परियोजना धरातल पर उतर सकेगी।

कोई बड़ा विघ्न नहीं आया तो वर्ष 2030 तक शहर में इन दोनों प्रस्तावित रूटों पर मेट्रो रेल दौड़ने की उम्मीद है। वर्ष 2056 तक के मेट्रो रेल के संभावित विस्तार को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा। राइट्स द्वारा मेट्रो के आरसीसी पिलर बनाने के लिए भूगर्भीय मिट्टी की मजबूती संबंधी सर्वे पहले ही कराया जा चुका है। पटेल चौक से चित्रगुप्त चौक कोहाड़ापीर रोड क्रॉसिंग के बीच मेट्रो को भूमिगत बनाया जाएगा। इसके लिए यूटिलिटी शिफ्टिंग आदि का भी आकलन पूरा हो चुका है। मेट्रो के रखरखाव और संचालन के लिए डिपो भी बनाया जाना है। इसके लिए 100 फुटा रोड पर एमजेपी रुहेलखंड विश्व विद्यालय के पास की जमीन प्रस्तावित की गई है।

मेट्रो रेल रूट नंबर 1- (ब्लू लाइन : 12.5 किलोमीटर) : बरेली जंक्शन, चौकी चौराहा, गांधी उद्यान, सेटेलाइट बस अड्डा, बीसलपुर चौराहा. तुलसीनगर, रुहेलखंड विश्वविद्यालय, सौ फुटा क्रॉसिंग, फीनिक्स मॉल, सनसिटी, फन सिटी। (11 स्टेशन) होंगे।
मेट्रो रूट नंबर 2 (रेड लाइन : लंबाई 9.5 किलोमीटर) : चौकी चौराहा, पटेल चौक, कुतुबखाना मार्केट, कोहाड़ापीर चित्रगुप्त चौक रोड क्रॉसिंग, डीडीपुरम चौराहा, सब्जी मंडी, आईवीआरआई, नार्थ सिटी एक्सटेंशन, फन सिटी। (9 स्टेशन) होंगे।

इसके अलावा बीडीए की रामगंगा नगर आवासीय योजना में लगभग 33 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में राम वाटिका का विकास चल रहा है। चीफ इंजीनियर एपीएन सिंह ने बताया कि राम वाटिका में भगवान राम वनगमन के समय जिन-जिन स्थानों से होकर गए और जहां-जहां रुके थे, उन स्थलों पर उस काल के वृक्षों मौजूद थे, उन का रोपण भी इस राम वाटिका में कराया जा रहा है। भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े उन प्रसंगों का विस्तृत विवरण और उन प्रसंगों से जुड़ी मूर्तियाँ भी यहाँ स्थापित होनी है। राम वाटिका में चित्रकूट, दण्डकारण्य, पंचवटी, माता शबरी आश्रम, किष्किन्धा, अशोक वाटिका, पम्पा सरोवर आदि की संकल्पना को विकसित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त वाटिका की दीवारों पर भगवान राम के जीवन से जुड़े प्रसंगों को पत्थरों पर उकेरा जा रहा है।

बीडीए उपाध्यक्ष मनीकणडन ए. एवं मुख्य अभियंता एपीएन सिंह के बताते हैं कि रामायण वाटिका में स्थित पम्पा सरोवर में वनवासी भगवान राम की 51 फिट ऊॅची प्रतिमा इस वित्त वर्ष के अंत तक स्थापित की जायेगी। यह प्रतिमा विश्व प्रसिद्व मूर्तिकार श्री रामसुतार द्वारा बनायी जायेगी। भगवान राम की प्रतिमा पूरे उत्तर भारत में आकर्षण का केन्द्र बनेगी तथा प्रतिमा के स्थापित होने के उपरान्त बरेली शहर पर्यटन का एक प्रमुख केन्द्र बनकर सामने आयेगा।

रामगंगा नगर में राम वाटिका की इन संकल्पना का मुख्य उद्देश्य प्राचीन दुर्लभ वृक्षों/वनस्पतियों के साथ ही पर्यावरण का संरक्षण और लोगों को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के साथ ही वर्तमान और भावी पीढ़ी को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के प्रेरणाप्रद जीवन और भारतीय संस्कृति के विभिन्न आयामों से परिचित करवाना है।

बहरहाल, इन कुछ प्रस्वावित महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं को छोड़ दें तो कड़वा सच यही है कि स्मार्ट सिटी की बरेली की ज्यादातर परियोजनाएं जनहित से दूर और सरकारी रकम के दुरुपयोग का नमूना ही साबित हुई हैं। चाहें वह स्काई वॉक हो या हाइड्रोलिक वाहन पार्किंग। कई माकूल वजहों से इन दोनों प्रोजेक्ट्स को आम जनता ने पसंद नहीं किया है। हालत यह है कि सुनियोजित वाहन पार्किंग नहीं होने से पूरे बरेली महानगर जगह-जगह भयंकर ट्रैफिक जाम से जूझने को मजबूर है।

बरेली में वर्ष 1980 में कुतुबखाना से स्थानांतरित हुई डेलापीर सब्जी मंडी में लखनऊ के हजरतगंज जनपथ की तर्ज पर भूमिगत वाहन पार्किंग एवं शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बन जाए तो सड़क पर खड़े होने वाले वाहनों को बेहतर पार्किंग मिल सकेगी। ऐसी ही पार्किंग श्यामगंज सब्जी मंडी, किला सब्जी मंडी, सदर तहसील के पीछे, बरेली कॉलेज पश्चिमी गेट के सामने निगम की जमीन पर, सेटेलाइट बस अड्डे के पास एवं राजेंद्र नगर में भी बनाए जाने की सख्त जरूरत है। बरेली को आज भी सुभाषनगर, हार्टमन, चौपला, मणिनाथ, किला रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे अंडरपास और किला पर नए बाई शेप ओवरब्रिज की जरुरत है। वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी निर्भय सक्सेना इन परियोजनाओं को मूर्त रूप दिलवाने के लिए प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना और विधायक संजीव अग्रवाल के मार्फत शासन को नियमित रूप से पत्र भी भेजते रहे हैं। शासन स्तर से सकारात्मक संकेत भी मिले हैं।

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