महानायक ने अपनी कविता से कुछ ऐसे बढ़ाया हौसला
गुजर जाएगा, गुजर जाएगा
मुश्किल बहुत है, मगर वक्त ही तो है
गुजर जाएगा, गुजर जाएगा
जिंदा रहने का ये जो जज्बा है
फिर उभर आएगा
गुजर जाएगा, गुजर जाएगा
माना मौत चेहरा बदलकर आई है,
माना मौत चेहरा बदलकर आई है,
माना रात काली है, भयावह है, गहराई है
लोग दरवाजों पे रास्तों पे रूके बैठे हैं,
लोग दरवाजों पे रास्तों रूके बैठे हैं,
कई घबराये हैं सहमें हैं, छिपे बैठे हैं
मगर यकीन रख, मगर यकीन रख
ये बस लम्हा है दो पल में बिखर जाएगा
जिंदा रहने का ये जो जज्बा है, फिर असर लाएगा
मुश्किल बहुत है, मगर वक्त ही तो है
गुजर जाएगा, गुजर जाएगा।