- एसडीम ने कहा- मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं
एफएनएन, किच्छा : पुलिस बल की मौजूदगी में शुक्रवार को सारे नियम जमीदोंज हो गए। गरीब का आशियाना जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया। तहसीलदार की मौजूदगी में यह सब हुआ लेकिन एसडीएम पूरे मामले से अनजान है। ऐसे में भाजपा की जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल उठना लाजमी है। इस प्रकरण में जो चर्चित नाम सामने आ रहे हैं, साफ है कि पुलिस उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। मामला किच्छा के बंडिया क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। पिछले 20 साल से जिस जगह पर लोग रह रहे थे, उनको उजाड़ दिया गया है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है पर जुर्रत तो देखिए खुल्लम खुल्ला यह सब कुछ हुआ। लोगों का आरोप है कि उन्हे सूचना तक नहीं दी गयी, न ही कीमती सामान निकालने का मौका। सब कुछ तहस-नहस कर दिया गया। जबरन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से अधिकारियों पर सवालिया निशान लग रहे है। इस मामले में बंडिया निवासी जसवीर सिंह, परमजीत सिंह, सतीष चन्द्र, राम वीर सिंह ने एसएसपी कार्यालय में एक शिकायती पत्र सौपा है।इन लोगो का कहना है कि चार कमरे तथा एक गोदाम को ध्वस्त कर दिया गया है। जिस पर वे कई वर्षो से काबिज थे। आरोप है कि इसके बावजूद रसूखदारो ने किच्छा पुलिस की मदद से यह कार्रवाई की। पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर उनका सारा सामान फेक दिया गया। एसडीएम का कहना है कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है तो ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कारवाही किसके आदेश पर और क्यों की गई।