- इस नाग पंचमी पर बन रहा दुर्लभ संयोग
एफएनएन, नई दिल्ली: नाग पंचमी सावन माह की शुक्ल पंचमी तिथि को हर वर्ष नाग पंचमी मनाई जाती है। इस बार नापंचमी का पर्व कल शनिवार को मनाया जाएगा। नाग पंचमी के दिन भगवान शिव के आभूषण नागों की पूजा की जाती है। नागों की पूजा कर आध्यात्मिक शक्ति, सिद्धि और अपार धन की प्राप्ति की जा सकती है। इस बार नागपंचमी का त्योहार कुछ खास है दरअसल इस दिन एक खास दुर्लभ योग बन रहा है जो कालसर्प दोष निवारण के लिए बहुत उपयुक्त है। ज्यातिषियों के अनुसार इस वर्ष नागपमंचमी का पर्व उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र के पहले चरण में पड़ रहा है।
पूजन का शुभ मुहुर्त
नागपंचमी पर भगवान शिव-पार्वती के साथ नाग की पूजा करने का महत्व है। इस वर्ष पड़ने वाले नागपंचमी के मुहुर्त की बात करें तो 24 जुलाई को दोपहर 2.55 से लेकर 25 जुलाई 2 बजे तक रहेगी। वहीं पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 7.30 से दोपहर 12.30 बजे तक है।
नाग पूजा करने से लाभ
चूँकि इस बार नाग पंचमी पर खास संयोग बनने जा रहा है इसलिए इस दिन नाग देवता और शिव जी की पूजा कर आप अपने कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष को दूर कर सकते हैं। कुंडली में कालसर्प दोष के होने पर व्यक्ति को जीवन में कई सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति के जीवन में विवाह में अड़चन, दांपत्य जीवन में कलह, शिक्षा में बाधा, रोग चोट से परेशान रहना, आर्थिक तंगी, नौकरी छूटना, संतान को कष्ट जैसी समस्याएं आती रहतीं हैं। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष हैं उन्हें नागपंचमी के दिन व्रत रखना चाहिए और नाग देवता की पूजा जरूर करनी चाहिए। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए आप हर दिन गायत्री मंत्र का भी जाप भी कर सकते हैं।