एफएनएन, मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा से पहले एक ढाबे पर कर्मचारी के कपड़े उतारकर उसकी जांच करने की कोशिश का मामला सामने आया है। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद मुरादाबाद से एसटी हसन ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और इसे करने वालों को पुलवामा हमले के आतंकियों के समान बताया। उन्होंने कहा कि यह धर्म के नाम पर राजनीति का गलत इस्तेमाल है।
एसटी हसन ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों पर नेम प्लेट लगाने और कर्मचारियों की जांच के मुद्दे पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आखिर किसने इन्हें यह हक दिया कि ये ढाबों पर काम करने वालों की जांच करें। उन्होंने इस तरह की हरकत करने वालों को आतंकी करार देते हुए कहा कि ये लोग और पुलवामा में धर्म पूछकर गोली मारने वाले आतंकियों में कोई अंतर नहीं है। आज धर्म के नाम पर सियासत की जा रही है।
कपड़े उतारकर चेकिंग का प्रयास
दरअसल, मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा से पहले खाने-पीने की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के विवाद के बीच बघरा आश्रम के संचालक यशवीर महाराज और कुछ हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता एक ढाबे पर पहुंचे। वहां उन्होंने एक कर्मचारी से उसका नाम पूछा और फिर उसकी जांच के लिए उसके कपड़े उतारने की कोशिश की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लिया और आधा दर्जन हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया। जब पुलिस आरोपियों के घर पहुंची, तो वे फरार पाए गए। पुलिस ने आरोपियों से अपना पक्ष रखने को कहा है और मामले की जांच जारी है। इस घटना ने न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक स्तर पर भी विवाद खड़ा कर दिया है। समाजवादी पार्टी के साथ-साथ कई मुस्लिम संगठनों ने भी इस घटना पर कड़ा विरोध जताया है।